पंजाबी लोक गायक कभी होते थे पंजाबियों के 'नायक'

punjabkesari.in Tuesday, Dec 20, 2022 - 06:01 PM (IST)

लुधियाना (मुल्लमपुरी): पंजाब की धरती पर आज से तीन दशक पहले पंजाबी गायक, पंजाबियों के लोक नायक, कम पैसों में लोगों को ढेर सारी खुशियां देते थे और अखाड़ों और शादियों में देखने के लिए लोग मौका हाथ से जाने नहीं देते थे लेकिन माया की दौड़ ने ऐसी दौड़ लगा दी है कि पंजाब के लोकगायक जो कभी लोक नायक होते थे, आज पैसे के लाल हो गए हैं क्योंकि उस जमाने में कलाकार दस हजार, बीस हजार, पच्चीस से तीस हजार तक धैर्यपूर्वक लोगों के समागम में शामिल होते ते।  कभी नहीं सुना कि उनके घरों पर आयकर या किसी अन्य एजेंसी का छापा पड़ा हो। उस जमाने में पंजाबी कलाकार यह जानते थे कि उनका पोग्राम बुक करवाने आया है उसकी भावना की कदर करते हुए उसे खाली हाथ नहीं लौटाया जाता था लेकिन आज के पंजाबी गायक लाखों रुपए से शुरुआत करते हैं और कई लाख पार करके फिर कहीं जाकर रुकते हैं।

यह भी पता चला है कि इन्हें बुक करने के लिए कई सज्जन पुलिस अधिकारियों की मदद से या किसी बड़े गणमान्य व्यक्ति की सिफारिश पर उन्हें बुक करवाते हैं। आज एक मित्र ने बताया कि भले ही मोहम्मद सदीक विधायक और सांसद बन चुका है, लेकिन अब भी अखाड़ा लगाते होंगे तो ऐसा कभी नहीं सुना गया कि वह लाखों रुपए लेने लगे हैं।

बाकी अब सांसद भी हैं। उस सज्जन ने आगे कहा कि उन्होंने ऐसा जमाना देखा है जब लोग सुरिंदर कौर, जगमोहन कौर, नरिंदर बीबा या अन्य महिला कलाकारों को अपनी बहन की तरह समझते थे और हरचरण ग्रेवाल, दीदार संधू, सुरिंदर छिंदा आदि कलाकारों को भाई मानते थे लेकिन उनकी लोगों के साथ उनका रिश्ता और भाईचारा बहुत गहरा था। लेकिन इस माया की दौड़ ने उनके युवा पंजाबी गायकों को लोगों से इतना दूर कर दिया है कि वे पंजाबियों के बेटे नहीं बल्कि पैसे के पुत बन गए हैं। वह अब पंजाब से पैसा इकट्ठा कर चंडीगढ़ के पास रह रहे हैं, जबकि आम पंजाबी  के बेटे और बेटी की शादी में इन्हें बुलाना संभव नहीं है।

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News Editor

Urmila

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