सरदूल सिकंदर के लिए अमर नूरी ने दिया था बेतहाशा मोहब्बत का सबूत, प्यार को हमेशा के लिए किया अमर

punjabkesari.in Wednesday, Mar 24, 2021 - 05:18 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाबी लोक गायक सरदूल सिकंदर और अमर नूरी पंजाबी संगीत जगत की वह जोड़ी है, जिसने पंजाब के हर घर में अपनी खास जगह बनाई है। 1980 के शुरूआती दौर में अपनी एलबम 'रोडवेज की लारी' के बलबूते पर रेडियो और टेलीविजन के द्वारा आगाज़ करने वाले सरदूल सिकंदर इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं। बता दें कि सरदूल सिकंदर पटियाला के संगीत घराने से संबंध रखते थे। सरदूल सिकंदर का पहला नाम सरदूल सिंह सरदूल था। उन्होंने गायकी के अलावा कुछ पंजाबी फिल्मों में भी काम किया, जिसमें ‘जग्गा डाकू ’ का नाम ख़ास है। अपने इस सफ़र में सरदूल सिकंदर ने बेशुमार गीत गाए, जो आज भी उस समय के लोगों की ज़ुबान पर हैं। 


रोडवेज़ की लारी 'एलबम से खुली थी किस्मत
पंजाबी लोक गायक सरदूल सिकंदर की पहली एलबम 'रोडवेज़ की लारी' थी, जिसके साथ उन्होंने साल 1980 में टेलीविजन पर आए थे। साल 1991 में रिलीज हुई उनकी एलबम 'हुसन के मालको' लोगों द्वारा बेहद पसंद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 5 मिलियन से ज्यादा कापियां बिकीं और यह बिक्री अभी तक भी जारी है। अपने माता -पिता के साथ दुनिया घूमते उन्होंने अपने संगीत में एक अलग टेस्ट (बदलाव) और स्टाइल लाया। 

ऐसे हुई थी अमर नूरी के साथ पहली मुलाकात
साल 1986 का वह समय आया जब उनकी मुलाकात पंजाबी गायिका अमर नूरी के साथ हुई। यह किस्मत ही थी, जिसने दोनों को एक ही मंच पर लाकर खड़ा कर दिया था। दरअसल सरदूल सिकंदर और अमर नूरी की पहली मुलाकात एक विवाह दौरान अखाड़ें में हुई थी। इसके बाद अमर नूरी ने सरदूल के साथ अखाड़े लगाने शुरू कर दिए। दोनों की जोड़ी को लोगों ने काफ़ी पसंद किया, जिसके बाद दोनों की असली ज़िंदगी में ही जोड़ी बन गई। 


फिल्मी अंदाज में किया था प्यार का इजहार
सरदूल सिकंदर ने अमर नूरी के लिए अपनी मोहब्बत का इजहार करने की हिम्मत जुटाई लेकिन काफ़ी कोशिशों के बाद भी वह जब अपने दिल की बात बोल नहीं सके तो उन्होंने कुछ अलग करने का फ़ैसला किया। सरदूल सिकंदर ने काफ़ी कोशिश के बाद अमर नूरी की वह डायरी उठा ली, जिसमें वह अपने गीत लिखा करती थी। उन्होंने उस डायरी में मोहब्बत का पैग़ाम लिखने के बाद उसे अमर नूरी के टेबल पर वापिस रख दिया। अब बारी अमर नूरी की उस पैग़ाम पर अपनी मोहब्बत की मोहर लगाने की थी। अमर नूरी के दिल में भी सरदूल सिकंदर के लिए प्यार था, जिसका इज़हार उन्होंने भी नहीं किया था। अमर नूरी ने उस डायरी में अपना संदेश लिख सरदूल सिकंदर को दे दिया। जैसे ही सरदूल ने वह संदेश पढ़ा तो ख़ुशी में नाचने लगे क्योंकि सरदूल सिकंदर के उस पैग़ाम के जवाब देते हुए अमर नूरी ने 'हां' कर दी थी। 


प्रेम विवाह के लिए झेली थी कई मुश्किलें 
अमर नूरी और सरदूल सिकंदर का प्रेम विवाह हुआ है। दोनों को अपने प्यार को पाने के लिए काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था क्योंकि इस विवाह के खिलाफ अमर नूरी का पूरा परिवार था लेकिन उनकी ज़िद्द के  आगे पूरे परिवार को हारना पड़ा था। एक -दूसरे के लिए अपनी मोहब्बत का इज़हार करने वाली यह जोड़ी 30 जनवरी 1993 को विवाह के बंधन में बंधी। इस जोड़ी ने  कई हिट एलबमें रिलीज की।


इस तरह बचाई थी अमर नूरी ने पति की जान
गायक सरदूल सिकंदर की किडनी ख़राब हो गई थी। उस दौरान डी.एम. सी. लुधियाना के डाक्टर बलदेव औलख, डा. मनिन्दर सिंह की टीम ने 17 मार्च 2016 को सरदूल की किडनी ट्रांसप्लांट की। बता दें कि यह किडनी सरदूल सिकंदर को उनकी पत्नी अमर नूरी ने दी थी। इस बात का खुलासा अमर नूरी ने 'पंजाब केसरी' के दफ़्तर पहुंच कर किया था। सरदूल सिकंदर की किडनी ख़राब होने के कारण उनकी किडनी का  ट्रांसप्लांट  किया गया था।
 

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Vatika