पंजाबियों में ''कोई बात नहीं'' वाली धारणा चिंताजनक: कैप्टन

punjabkesari.in Wednesday, Aug 12, 2020 - 08:54 AM (IST)

चंडीगढ़ /जालंधर (अश्वनी, धवन): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाबियों में 'कोई बात नहीं' वाली धारणा काफ़ी चिंताजनक है। इसी धारणा के कारण टेस्ट और इलाज में देरी कारण राज्य में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह एक अच्छी धारणा है परन्तु कोविड महामारी के मद्देनज़र कुछ मामलों में यह नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। यह बात मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की तरफ से आयोजित वीडियो कान्फ़्रेंस के द्वारा देश के उद्योगपतियों के साथ चर्चा दौरान कही।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अकालियों ने पंजाबी राज्य लहर के द्वारा सिक्ख बहुमत वाले राज्य की सृजन करना के लिए पुनर्गठन करवाया और इन की इस राजनीति की कीमत पंजाब को औद्योगिक पट्टी से वचिंत हो उतारनी पड़ी। उन्होंने कहा कि पानी के संकट ने कृषि को भी प्रभावित किया है और राज्य को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों दौरान ज़मीनी स्तर पर राज्य में 65000 करोड़ रुपए का निवेश और चार बड़े औद्योगिक पार्कों के आने साथ पंजाब पहले ही बड़े कॉर्पोरेट दिग्गजों के लिए अपनी, बेमिसाल निवेश संभावनाओं की पेशकश करके अपने आप को सिद्ध कर चुका है।

कोविड में 2500 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड दौरान भी राज्य को तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटाने के बाद प्रवासी मज़दूर बड़ी संख्या में लौट रहे हैं और लुधियाना में 2.34 लाख यूनिट पहले ही कार्यशील हैं। यह दिखाता है कि सरकार और राज्य के उद्योगों ने हमेशा प्रवासी मज़दूरों का ख़्याल रखा है।

उद्योगपतियों ने रखे अपने विचार
इस दौरान उद्योग जगत के नेताओं ने अलग -अलग सुझाव और चिंताए जाहिर की। हिंदुस्तान यूनीलीवर के संजीव मेहता ने कर्मचारियों में कोविड के मामलों में विस्तार होने की स्थिति में उद्योग के साथ तालमेल करने के लिए ज़िला प्रशासन में एक नामज़द व्यक्ति की नियुक्ति और वर्करों के लिए 12 घंटों की शिफ्टों में काम करन की आज्ञा देने की विनती की। बायोकन के किरण मजूमदार शाह ने कहा कि नौकरियों के मौके पैदा करन के लिए पंजाब के पास डिजिटल हैलथकेयर और व्यवस्था में निवेश करने के बहुत मौके हैं।

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Tania pathak