श्री हरिमंदिर साहिब की दर्शनीय ड्योढ़ी के गुम्बद पर सोने का पत्तरा लगाने की सेवा मुकम्मल

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 09:53 AM (IST)

अमृतसर(सर्बजीत): बैसाखी के पवित्र दिवस व खालसा पंथ के स्थापना दिवस पर श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य द्वार के गुम्बद के ऊपरी हिस्से पर लगाए जाने वाले सोने के पत्तरों की सेवा मुकम्मल हो चुकी है। 

पिछले 3 माह से संत बाबा कश्मीर सिंह भूरीवालों द्वारा यह सेवा शुरू की गई थी। कार सेवा संत बाबा भूरीवालों के मुख्य प्रवक्ता भाई राम सिंह ने बताया कि श्री गुरु रामदास जी द्वारा बसाई इस नगरी में उन्होंने 52 प्रकार के अलग-अलग कामकाज करने वाले व्यापारी, दुकानदार, उद्योगपति और कारोबारी लोगों को बसाया था। उस दिन से लेकर आज दिन तक वाहे गुरु जी की कृपा के साथ गुरु घर के प्यारे श्रद्धालु इस सेवा को आगे चलाते रहे। 

उन्होंने कहा कि वर्ष 1942 से संत बाबा जैमल सिंह जी भूरीवालों की ओर से श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा और आसपास की साफ सफाई की सेवा शुरू की गई थी और उनकी तरफ से वरसाए संत बाबा कश्मीर सिंह जी कार सेवा भूरीवालों ने इस सेवा को बखूबी श्रद्धा भावना के साथ जारी रख रहे हैं। 

64 सोने के पत्तरों की सेवा
भाई राम सिंह ने बताया कि श्री हरिमंदिर साहिब के मेन प्रवेश द्वार घंटा घर की तरफ दर्शनीय ड्योढ़ी के बड़े गुम्बद पर कुल 64 सोने के पत्तरों की सेवा होनी है, जिसमें से गुम्बद के ऊपरले हिस्से को मुकम्मल करते सोने के पत्तरों की सेवा बैसाखी के दिवस पर मुकम्मल कर दी जाएगी।

समूह संगत के सहयोग के साथ निभा रहे सेवा

भाई राम सिंह ने बताया कि पिछले लम्बे समय से बाबा कश्मीर सिंह भूरी वालों को शिरोमणि कमेटी द्वारा मिली ऐतिहासिक गुरुधामों की सेवाओं को समूह संगत के सहयोग के साथ निभा रहे हैं। इनकी तरफ से संगत की सुविधा के लिए गुरुद्वारा शहीद गंज के काम्प्लैक्स को बड़ा करने और लंगर घर की इमारत की 2 मंजिला, बैसमैंट 2 मंजिला बनाने की सेवा चल रही है। इसके अलावा सुल्तानविंड गांव स्थित गुरुद्वारा छठी पातशाही अटारी साहिब में मास्टर प्लान तैयार कर नई इमारत के निर्माण की सेवा हो रही है। 

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