शादमान चौक मामले में देरी पर मेयर से मिले कुरैशी

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 10:41 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): पाकिस्तान के लाहौर स्थित शादमान चौक का नाम बदल शहीद भगत सिंह चौक रखने व चौक में शहीद भगत सिंह का बुत लगाने के मामले में हाईकोर्ट की तरफ से निर्देश जारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होते देख मंगलवार को शहीद भगत सिंह फाऊंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज रशीद कुरैशी लॉर्ड मेयर रिटायर्ड कर्नल मुवासीर जावेद से मिले। 

चेयरमैन कुरैसी ने उन्हें 5 सितंबर 2018 को लाहौर हाईकोर्ट के निर्देश की कॉपी सौंपते हुए मामले का जल्द से जल्द निपटरा करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को जस्ट्सि शाहिद जमील की अदालत ने अपने निर्देश में मेयर को मामले का जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए थे। इम्तियाज कुरैशी ने लाहौर से फोन पर मामले की जानकारी देते हुए बताया कि यदि शादमान चौक का नाम शहीद भगत सिंह चौक नहीं किया गया तो अब वह इस मामले को लेकर सुप्रिम कोर्ट जाऊंगा।

मेयर ने दिया है आश्वासन
इम्तियाज कुरैसी ने फोन पर बताया कि लॉर्ड मेयर मुवासीर जावेद साहब ने हमें मंगलवार को आश्वासन दियाहै कि वह अदालत के निर्देश का अध्ययन करने के पश्चात इस मामले का जल्द ही निपटारा करेंगे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमें पूरी उम्मीद है कि लाहौर के लॉर्ड मेयर अब जल्द ही शादमान चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की हमारी मांग को पूरा करेगी। कुरैशी ने कहा कि फाऊंडेशन की तरफ से पाकिस्तान सरकार से भगत सिंह को देश का सबसे बड़ा वीरता पदक निशान-ए-हैदर देने व वर्तमान शादमान चौक पर शहीद भगत सिंह का एक स्टैच्यू लगाने की डिमांड भी की है। 

भगत सिंह को मिले निशान-ए-हैदर अवॉर्ड
इम्तियाज कुरैशी ने कहा कि 87 साल पहले 23 मार्च 1931 को भगत सिंह को उनके दो साथियों राजगुरू और सुखदेव के साथ लाहौर में फांसी दी गई थी। भगत सिंह ने भारतीय उपमहाद्वीप को आजाद कराने के लिए अपनी जान तक दे दी, इसलिए बहादुरी के लिए उन्हें निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए। फाउंडेशन ने तर्क दिया कि पाकिस्तान के फाउंडर मोहमद अली जिन्ना भी भगत सिंह के बहादुरी की तारीफ करते हुए उन्हें सबसे बहादुर शस मानते थे। भगत सिंह पाकिस्तान के साथ-साथ हिंदुस्तान के भी हीरो हैं।

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