आर.टी.ओ. दफ्तर में चक्कर पर चक्कर, हैल्प डेस्क भी बना शोपीस

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2023 - 12:14 PM (IST)

लुधियाना : सरकारी विभागों में काम करवाना टेढ़ी अंगुली के बराबर है। आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते विभाग के उच्च अधिकारियों का इस और कोई ध्यान नहीं है। ऐसा ही एक मामला आर.टी.ओ. दफ्तर से जुड़े होने का सामने आया है। गवर्नमैंट कॉलेज स्थित ऑटोमेटिक ड्राइविंग लाइसैंस सैंटर पर लाइसैंस बनवाने वाले लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली जबकि आधा से ज्यादा आर.टी.ओ. विभाग का स्टाफ कोर्ट के कामकाज में बिजी रहता है जिससे लोगों के काम नहीं हो पाते हैं और न ही आर.टी.ए. सचिव ने कोई इसका कोई स्थायी हल निकाला हुआ है।

बता दें कि 2 दिन से इंटरनैट सेवा बंद होने के कारण सोमवार को गवर्नमैंट कॉलेज ट्रैक सैंटर पर आवेदकों को अपनी फोटो करवाने के लिए कई घंटों तक लाइनों में खड़े रहना पड़ा क्योंकि विभाग द्वारा लगाए गए वाईफाई से भी काम में देरी से हो रहे है। वहीं स्टाफ की कमी से भी विभाग को जूझना पड़ रहा है।

कई महीनों से नहीं हो पा रही लाईसैंसों की बैकलॉग एंट्री व अप्रूवल

आर.टी.ओ. विभाग में लोगों द्वारा अपने लाइसैंस रिन्यू करवाने के लिए बैकलॉग एंट्री करवानी पड़ती है और बाद में उसकी अप्रूवल आर.टी.ए. सचिव द्वारा की जाती है लेकिन कई-कई दिनों तक लाइसैंसों की अप्रूवल तक नहीं मिल रही है जिस कारण लोग दफ्तरों के चक्कर पर चक्कर काट रहे हैं। हैल्प डेस्क भी न मात्र शोपीस बनकर रह गया है वहां पर सिर्फ लोगों के दस्तावेज लेकर रद्दी की टोकरी में फैंकने का काम हो रहा है। अगर इसी तरह विभाग अधिकारी/कर्मचारी काम करते रहेंगे तो पब्लिक की समस्या का समाधान कैसे होगा। जिला प्रशासन को चाहिए ऐसी समस्याओं के हल के लिए कोई उचित कदम उठाएं ताकि लोगों की परेशानी कम हो सके। अब जबकि डिजिटल सिस्टम भी चल रहा है लेकिन कार्रवाई ढाक के तीन पात वाली हो रही है।

दफ्तरों में फिर हुआ एंजेटो का बोलबाला

आर.टी.ओ. विभाग में किसी भी काम को करवाने के लिए एंजेटों की पौ बारह है। क्योंकि मिलीभगत के चलते उनके काम विभाग के क्लर्क पहल के आधार पर करते है और जनता को परेशान करते है। ताकि दफतरों के चक्कर काटने वाले लोग एंजेटों के हथे चढ़ जाए और उनकी लूट का शिकार हो। जबकि भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसी हुई है लेकिन टेबल के नीचे सब काम हो रहे है। जिस कारण सरकार के किसी भी उच्चाधिकारी का कोई ध्यान नहीं है। अगर इसी तरह यह खेल चलता रहा तो अधिकारियों/कर्मचारियों की बजाय एजैंटों का दबदबा बना रहेगा।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

 

News Editor

Urmila