पुलिस की ‘तीसरी आंख’ खुली होती तो खुल जाता राहुल के कुएं में गिरने का रहस्य

punjabkesari.in Friday, Apr 20, 2018 - 08:49 AM (IST)

जालंधर (शाह): भगत सिंह नगर निवासी पूर्व पार्षद कस्तूरी लाल शर्मा के पोते की गत दिनों सीवरेज डिस्पोजल के कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। सिविल अस्पताल में डाक्टरों की तरफ से किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बेशक डाक्टरों ने यह बात कही है कि राहुल की मौत कुएं में डूबने से ही हुई है मगर इसके बावजूद लोगों व उनके अभिभावकों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं जिनका उन्हें कोई भी जवाब नहीं मिल रहा है। राहुल घर से साइकिल लेकर खेलने के लिए निकला था मगर वह इस दौरान कुएं में कैसे गिरा यह रहस्य अभी तक बरकरार है। पुलिस प्रशासन की तरफ से भी अभी तक इस मामले में कोई खास खुलासा नहीं किया जा सका। हर किसी का सवाल यही है कि कुएं के चारों तरफ करीब 5 फुट की रेलिंग लगी हुई है इसके बावजूद राहुल कुएं में कैसे गिर गया।  परिजनों का कहना है कि राहुल बहुत चुस्त व समझदार बच्चा था और वह किसी भी हालत में कुएं के पास नहीं जा सकता।

उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पुलिस प्रशासन की तीसरी आंख (सी.सी.टी.वी. कैमरे) खुली होती तो आज तक राहुल कुएं में कैसे गिरा इसका रहस्य खुल गया होता।  कालोनी के लोगों का भी कहना है कि जिस जगह पर सीवरेज डिस्पोजल का कुआं बनाया गया है वह इलाका बहुत ही सैंसेटिव है और यहां पर नशेड़ी व आपराधिक प्रवृत्ति के लोग घूमते रहते हैं। इसके बावजूद इस इलाके में कहीं भी पुलिस प्रशासन की तरफ से सी.सी.टी.वी. कैमरे नहीं लगाए गए हैं जबकि सैंसेटिव क्षेत्र  होने  के चलते यहां पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाने जरूरी हैं।इस घटना के संबंध में अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए पुलिस को लोगों की तरफ से अपने घरों के बाहर लगाए गए सी.सी.टी.वी. कैमरों की फुटेज लेकर ही काम चलाना पड़ा मगर अफसोस पुलिस को इससे भी कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हुई। इस तरह एक होनहार बच्चे राहुल के साथ इतनी दर्दनाक घटना कैसे घटी यह अभी राज ही बना हुआ है। 

रूंधे गले से बोले  राहुल के दादाःमैं क्या करूं सब कुछ पुलिस को बता चुका हूं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही
कुएं में गिरने से मौत का ग्रास बने राहुल के दादा पूर्व पार्षद कस्तूरी लाल  शर्मा ने दुखी मन से कहा कि आज इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं रही। रूंधे गले से राहुल के दादा ने कहा कि मेरे पोते की मौत कोई हादसा नहीं है उसकी मौत के पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश है, मगर मैं क्या करूं सब कुछ पुलिस को बता चुका हूं मगर पुलिस हमारी बात नहीं सुन रही और न ही कोई कार्रवाई कर रही है। उन्होंने पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई कि उन्हें हर हालत में इंसाफ दिलाया जाए। 

पूर्व पुलिस कमिश्नर अॢपत शुक्ला ने शहर में शुरू किया था आंखें प्रोजैक्ट
जालंधर के पूर्व पुलिस कमिश्नर अॢपत शुक्ला ने अपने कार्यकाल के दौरान चार्ज सम्भालते ही शहर में अपराधियों पर शिकंजा कसने के इरादे से ‘आंखें’ प्रोजैक्ट की शुरूआत की थी। इस प्रोजैक्ट के तहत शहर में विभिन्न स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए थे। इन सी.सी.टी.वी. कैमरों की कमान संबंधित पुलिस थानों के पास थी। मगर अफसोस इस बात का है कि श्री शुक्ला के शहर से तबदील होने के बाद से ही पुलिस की इन आंखों की रोशनी जाने लगी है। लोगों ने मांग की है कि पुलिस प्रशासन को शहर में बढ़ते अपराध पर शिकंजा कसने के लिए अपनी इस तीसरी आंख की रोशनी तेज करने के लिए इनका इलाज करवाना चाहिए।

हर एंगल से की जा रही है जांच : आई.ओ.
जब इस संबंध में इस मामले की जांच कर रहे इन्वैस्टीगेशन आफिसर (आई.ओ.) ए.एस.आई. सुखराज सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि  उनकी तरफ से इस मामले की गम्भीरता से जांच की जा रही है। जांच में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जाएगी। पीड़ितों को पूरा इंसाफ दिलाया जाएगा। 

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