करियाना व अन्य छोटे स्टोर बंद होने के कगार पर, रीटेलर्स एसोसिएशन ने कैप्टन को लिखी चिट्ठी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 04, 2020 - 08:21 PM (IST)

जालंधर: कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के रेल रोको आंदोलन ने व्यापारियों के हर छोटे बड़े वर्ग की जड़ें हिला दी हैं। राज्य में शायद कोई ही व्यापारी वर्ग बचा होगा जिस पर किसान आंदोलन का प्रतिकूल असर न पड़ा हो। इस आंदोलन से होने वाले नुकसान से राज्य के खुदरा व्यापारी भी अछूता नहीं रहे हैं। रीटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया आर.ए.आई. ने करियाना, अन्य छोटे व्यापारियों और स्टोर्स के मालिकों को हो रहे नुकसान से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।

व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने धरने से नुकसान
एसोसिएशन का कहना है कि प्रदर्शनकारी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने धरने पर बैठना जारी रखते हैं, जिससे उन्हें संचालित करना असंभव हो जाता है। पत्र में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन तथा जबरन व्यवसायों को बंद करवाने से प्रदर्शनकारियों का अपना नुकसान तो होगा ही साथ लाखों की संख्या में छोटे स्तर पर उत्पादन करने वाले तथा खुदरा व्यवसायियों का भी नुकसान होगा। एसोसिएशन ने मांग की है कि सरकार हस्तक्षेप कर इस समस्या को सुलझाए जिससे खुदरा व्यापारियों को होने वाले नुकसान से राहत मिल सके।

आंदोलन के विरोध में नहीं है आर.ए.आई.
आर.ए.आई. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार राजगोपालन ने यह जानकारी देते हुए बताया की मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अवगत करवाया गया है कि किसानों के कई सप्ताह से चल रहे आंदोलन व बंद के कारण छोटे व्यवसायों को आर्थिक नुकसान हो रहा है क्योंकि वे रोजमर्रा के व्यापार पर ही निर्भर होते हैं। छोटे व्यापारियों को बंद से होने ज्यादा नुकसान हो रहा है। इस वर्ग के व्यापारी किसान आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं। सभी को शांतिपूर्ण ढंग से मांगों को लेकर विरोध जताने का हक है।

किसानों को खुद भी हो रहा है नुकसान
अधिकांश खुदरा व्यापारी ताजा और प्रोसेसड कृषि उत्पाद भी बेचते हैं। महीने भर के आंदोलन ने भी व्यापारियों को आपूर्ति करने वाले छोटे किसानों की आय को प्रभावित किया। लॉकडाउन ने व्यापारियों की नकदी प्रवाह को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। विरोध प्रदर्शनों के कारण राज्य से माल गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो रही है, इससे जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। पत्र में कहा गया है कि भारत में करीब 5 लाख स्टोर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। एसोसिएशन का कहना है कि किसानों के एक महीने से लगातार गतिरोध के कारण स्टोर बंद हो रहे हैं। खुदरा उद्योग कोविड के कारण पहले ही संकट से गुजर रहा है। आर.ए.आई. के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से प्रशासन को उचित कदम उठाने का आग्रह किया है जिससे छोटे व्यावसायियों को काम करने में आसानी हो।

Sunita sarangal