रेलवे विभाग ने अमृतसर रेल हादसे को लेकर जांच शुरू की, गेटमैन और लोको पायलट से की पूछताछ

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 04:02 PM (IST)

अमृतसर। रेलवे विभाग ने भी अपने स्तर पर अमृतसर में हुए रेल हादसे की जांच शुरू कर दी है। जांच में लोको पायलट और गेटमैन समेत 12 लोग  रेलवे के चीफ सेफ्टी अधिकारी के सामने  पेश हुए। इन लोगों के हादसे को लेकर आज बयान कलमबद्ध किए गए।  दशहरा पर्व पर जौड़ा रेलवे फाटक में हुए रेल हादसे की जांच को लेकर रेल मुख्यालय (दिल्ली के बड़ौदा हाऊस) से एस.आई.टी. की यह टीम अमृतसर पहुंची है । इस टीम में रेल मंत्रालय के तरफ से चुने गए ऐसे अधिकारियों को शामिल किया गया है जिन्हें मौके पर ही निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।

विभाग की SIT ने हादसे से प्रभावित लोगों से भी बातचीत की है। दूसरी तरफ जिस ट्रेन की रफ्तार पर सवाल उठ रहे हैं उस ट्रेन को चलाने वाले लोको पायलट ने कहीं शराब तो नहीं पी रखी थी, इस बिन्दु पर भी रेलवे ने जांच खोल दी है। हालांकि मीडिया से इस सवाल पर रेल अधिकारी कन्नी काट रहे हैं। गौरतलब है कि जब भी कोई लोको पायलट ट्रैन के चलने से पहले हर ड्राइवर (पायलट) का ब्रीथलाइजर टैस्ट होता है, जिसमें से ज्ञात होता है कि कहीं ड्राइवर (पायलट) ने कोई नशा तो नहीं किया है। इसके तहत वो रेलगाड़ी में चढऩे से पहले साइन इन करता है।

ये है मामला
जौड़ा फाटक के निकट हुए रेल हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 70 से ज्यादा लो घायल हो गए थे। जब रेललाइन के निकट विजयदशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और लोग यह देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिल्कुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू रेलगाड़ी तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर रावण-दहन का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इन लोगों को पटाखों की आवाज में रेलगाड़ी के आने का एहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक रेलगाड़ी ने उन्हें लील लिया।

Suraj Thakur