सुखबीर की विधानसभा सीट जीतकर रमिन्दर आंवला बने कैबिनेट मंत्री के दावेदार

punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2019 - 03:55 PM (IST)

पटियाला(राजेश): जलालाबाद से अकाली दल के उम्मीदवार डा. राज सिंह को हरा कर रमिन्दर आंवला कैबिनेट मंत्री के दावेदार बन गए हैं। रमिन्दर आंवला ने यह चुनाव जीतकर नया इतिहास रचा है। अपने-आप को विजय कहलवाने वाले सुखबीर बादल की सीट जीतने से रमिन्दर आंवला का राजनीतिक कद बढ़ गया है। नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद पंजाब मंत्रिमंडल में एक सीट खाली है, जिस पर कई विधायकों की आंख है। सिंचाई विभाग के स्कैंडल में नाम आने के कारण अपनी मंत्री की कुर्सी गवांने वाले राणा गुरजीत सिंह फिर मंत्री बनने के लिए जोर लगा रहे हैं परन्तु इन उपचुनाव में रमिन्दर आंवला की शानदार जीत के बाद आंवला मंत्री पद के हकदार बन गए हैं।

आमतौर पर राजनीतिक पार्टियां उन नेताओं को मंत्रालय में शामिल करती हैं, जो बड़े नेताओं के गढ़ को जीतकर विधानसभा और लोकसभा में पहुंचते हैं। रमिन्दर आंवला ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल का गढ़ तोड़ा है, जिस कारण कैबिनेट मंत्री की खाली कुर्सी पर उनका अधिकार बन गया है। जब भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह मंत्री के खाली पड़े पद को भरेंगे तो उस समय रमिन्दर आंवला के नाम को दरकिनार करना बहुत मुश्किल होगा। आंवला ने यह सीट जीतकर पंजाब की राजनीति बदल दी है। 

कैप्टन संधू की आंख थी खाली मंत्री के पद की सीट पर
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के काफी नजदीकी कैप्टन सन्दीप सिंह संधू सिर्फ विधायक बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे थे, बल्कि उनकी आंख सिद्धू के इस्तीफे के बाद खाली पड़ी मंत्री की कुर्सी पर थी, जिस कारण उन्होंने दाखा से चुनाव लड़ा। संधू को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के साथ नजदीकी होने का उनको फायदा मिलेगा, परन्तु उनके सपने अधूरे रह गए और अकाली उम्मीदवार ने उनको करारी हार दे दी। कैप्टन संधू की हार के साथ कांग्रेस की ओर से जीती गई तीनों सीटों का स्वाद भी किरकिरा हो गया है क्योंकि पूरे पंजाब की नजरें खासकर कैप्टन संधू पर थी। पंजाब के समूचे कैबिनेट मंत्री और विधायक उनके हक में प्रचार करने गए। कांग्रेस के हर छोटे और बड़े नेता ने दाखा में अपनी हर तरह की हाजिरी लगवाई, परन्तु इसके बावजूद भी संधू को करारी हार का सामना करना पड़ा। 

Vaneet