ब्यूरोक्रेसी के दखल को लेकर राणा गुरजीत सिंह ने भी बजाया बिगुल

punjabkesari.in Saturday, Jan 19, 2019 - 09:21 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): ब्यूरोक्रेसी की सरकारी कामकाज में हद से ज्यादा दखलअंदाजी को लेकर अक्सर कैप्टन सरकार पर आरोप लगते हैं। कांग्रेस के अधिकांश विधायकों का कहना है कि सरकार को ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं, जिससे आम वर्करों व नेताओं का नुक्सान हो रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले विधायक कुलबीर सिंह जीरा ने सीधे आरोप लगाए थे कि ब्यूरोक्रेसी के दखल के कारण सरकार का कोई भी काम पटरी पर नहीं बैठ रहा है।

अभी यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि कपूरथला से विधायक व पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने भी ब्यूरोक्रेसी की दखलअंदाजी को लेकर अपनी तलखी तेज कर दी है। राणा गुरजीत सिंह को कभी कैप्टन अमरेंद्र सिंह का करीबी माना जाता था। यही कारण था कि राणा गुरजीत सिंह को सरकार बनते ही कैप्टन ने अपनी कैबिनेट में लिया था, मगर बाद में रेत खनन के आरोपों से जब राणा घिरे तो कैप्टन ने उनका कैबिनेट पद छीन लिया। राणा गुरजीत सिंह के मन में इस बात का मलाल है कि ब्यूरोक्रेसी और खास तौर पर चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी सुरेश कुमार की वजह से ही उनका कैबिनेट पद गया।

लोकसभा चुनाव से पहले दोआबा रिजन के विधायकों की बुलाई बैठक में राणा गुरजीत सिंह ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। उनका साफ कहना था कि ब्यूरोक्रेसी पंजाब की राजनीति पर खुलकर हावी है। कई जगह तो ऐसे लगता है कि अभी भी अकालियों की ही ब्यूरोक्रेसी पर पकड़ है और ब्यूरोक्रेट्स उनकी ही बोली बोल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेसी विधायकों को जनता का सामना करना मुश्किल हो रहा है। यही नहीं विधायकों को किसी तरह का कोई फंड तक नहीं मिल रहा है।

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