लोकसभा टिकट के बहाने विधायक रणदीप नाभा ने कै. अमरेन्द्र पर साधा निशाना

punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2019 - 11:31 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): विधायक रणदीप सिंह नाभा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ नाभा हलका की अनदेखी करने के लगाए आरोपों ने कांग्रेसी गलियारों में खलबली मचा दी है। इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस में पनपा ज्वालामुखी लोकसभा चुनावों में किसी भी समय फट सकता है। यह पहला मौका नहीं है कि किसी विधायक ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह की कार्यशैली पर निशाना साधा हो।

कई अन्य नेता भी कर चुके है नाराजगी जाहिर

इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा सहित कई विधायक सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। सुखजिन्द्र रंधावा ने तो विधानसभा सैशन के दौरान ही बिक्रम मजीठिया मामले में मुख्यमंत्री को कह डाला था कि हमारी सरकार ही निकम्मी है। विधायक कुलबीर जीरा भी पंचों, सरपंचों व जिला परिषद मैंबरों के शपथ ग्रहण समारोह में आला पुलिस अधिकारियों पर नशा तस्करों को संरक्षण देने के आरोप लगाते हुए पार्टी के खिलाफ बगावती सुर बोल चुके हैं। विधायक जीरा ने तो रोष स्वरूप सरकारी कार्यक्रम का बायकाट कर दिया था। अब रणदीप नाभा के बयान से जाहिर होता है कि विधायकों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हो रही अनदेखी ज्यादा समय नहीं चलेगी। 

कैप्टन के शासनकाल में नाभा का विकास हो गया ठप्प

विधायक रणदीप ने कहा है कि कै. अमरेन्द्र सरकार के पिछले 2 वर्षों के शासनकाल में नाभा हलका में विकास ठप्प हो गया है, जबकि यह हलका मुख्यमंत्री का होम डिस्ट्रिक्ट पटियाला से संबंधित है। विधायक रणदीप जोकि वर्ष 2007 व 2012 में नाभा हलका से विधायक रह चुके हैं, 2017 में हलका एस.सी. रिजर्व होने के कारण वहां से साधु सिंह धर्मसोत को टिकट दिया गया और वह जीत हासिल करके कैप्टन अमरेन्द्र की किचन कैबिनेट में शामिल हुए थे परंतु नाभा का 10 साल तक प्रतिनिधित्व कर चुके विधायक रणदीप नाभा का कहना है कि आज हलके की सड़कें बेहद खस्ताहाल हैं, सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर बने पब्लिक पार्क में गंदगी का साम्राज्य है, जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। एकाएक घटित इस नए घटनाक्रम के उपरांत कांग्रेसी गलियारों का मानना है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से टिकट हासिल करने वाले नेताओं में लगी होड़ का ही नतीजा है कि टिकट न मिलने की संभावनाओं को देखते हुए विधायक अपनी पार्टी में कैप्टन अमरेन्द्र विरोधी नया प्लेटफार्म खोलने की ताक में हैं। पटियाला लोकसभा हलका से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की पत्नी व पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर के अलावा विधायक रणदीप नाभा ने भी वहां से चुनाव लडऩे की इच्छा रखते हुए पार्टी को टिकट के लिए आवेदन कर रखा है। 

रणदीप ने ठोका पटियाला सीट पर दावा

सूत्रों की मानें तो विधायक रणदीप ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाकर पटियाला लोकसभा से टिकट का अपना दावा मजबूत करने का प्रयास किया है। विधायक रणदीप का कहना है कि वह लोकसभा हलका में अपनी स्थिति को मजबूत करने को संबंधित कई विधानसभा हलकों का दौरा कर चुके हैं। उन्हें कार्यकत्र्ताओं का भरपूर समर्थन भी मिला है। अगर कांग्रेस विधानसभा चुनावों की भांति एक परिवार एक टिकट की नीति का अनुसरण करती है तो वह लोकसभा चुनावों में टिकट के असल हकदार हैं। वह ऑल इंडिया कांग्रेस के प्रधान राहुल गांधी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं कि वह पटियाला से किस नेता पर भरोसा जताते हुए उसे टिकट देते हैं। उन्हें राहुल गांधी का हरेक फैसला मंजूर होगा, परंतु राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि परनीत कौर ने टिकट मिलने से पहले ही जिस प्रकार पटियाला हलका में चुनाव प्रचार शुरू करके अपनी ताकत झोंक दी है, उससे खफा होकर ही विधायक रणदीप ने नाभा के विकास के बहाने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र परिवार पर निशाना साधा है। 

एक मंत्री सहित 8 विधायक हैं लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक
जिस प्रकार कांग्रेस के विधायक व नेता सरकार बनने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई न होने से खफा हैं, ऐसे हालात में विधायक रणदीप द्वारा लोकसभा चुनावों से पूर्व बोले बगावती सुरों के दूरगामी परिणाम निकल सकते हैं क्योंकि पंजाब के 13 लोकसभा हलकों में से 8 में कांग्रेस के विधायक जिनमें एक मंत्री भी शामिल है, चुनाव लड़ने का इच्छुक है। उक्त विधायकों ने संबंधित लोकसभा हलकों से टिकट के लिए पार्टी को आवेदन कर रखा है। अब अगर परिवारवाद या अन्य कारणों से उनके दावे की अनदेखी होती है तो कांग्रेसी विधायक पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। 

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