रंधावा ने अकाली सरकार समय हुए बिजली समझौतों का जारी किया ‘ब्लैक पेपर’

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 10:54 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): पंजाब के सहकारिता एवं जेल मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा और 9 विधायकों ने शिअद-भाजपा की सरकार के समय बिजली समझौतों के कारण लोगों के साथ हुए अन्याय उजागर करते हुए ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया। कैबिनेट मंत्री रंधावा के साथ विधायक दर्शन सिंह बराड़, परमिंद्र सिंह पिंकी, गुरकीरत सिंह कोटली, कुलबीर सिंह जीरा, कुलदीप सिंह वैद, परगट सिंह, सुखपाल सिंह भुल्लर और दविंद्र सिंह घुबाया उपस्थित थे।

शिरोमणि अकाली दल की ओर से राज्यपाल को दिए मैमोरैंडम को झूठ का पुलिंदा बताते हुए खुलासा किया कि वर्ष 2006 दौरान कैप्टन अमरेंद्र सरकार के समय बनाई बिजली नीति में शिअद-भाजपा सरकार ने निजी मुनाफों की खातिर हेराफेरी कर 25 साल के लिए ऐसी नई नीति बना दी कि लोग महंगी बिजली का संताप भोग रहे हैं। उन्होंने शिअद-भाजपा सरकार दौरान 10 वर्ष बिजली विभाग संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर को किसी भी प्लेटफॉर्म पर खुली बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय प्राइवेट थर्मल प्लांट पहले से ही स्थापित होने शुरू हो गए और समझौतों की नीति बाद में बनाई गई। 

रंधावा ने सबूतों का दावा करते हुए कहा कि साल 2006 में कांग्रेस सरकार की बिजली नीति अनुसार अधिक से अधिक 2000 मैगावाट सामथ्र्य के बिजली उत्पादन के प्रोजैक्ट लगाए जा सकते थे। उस समय 540 मैगावाट सामर्थ्य वाला गोइंदवाल पावर प्लांट का एम.ओ.यू. सहीबद्ध किया गया। दूसरे फैसले अनुसार कोयला भी झारखंड के पछवाड़ा स्थित अपनी खान से खरीदा जाना था। उन्होंने कहा कि 2007 के बाद शिअद सरकार ने 4000 मैगावाट के समझौते सहीबद्ध कर लिए और दूसरी बड़ी मार सरकारी खान की बजाय कोल इंडिया से कोयला खरीदने के फैसले से पड़ी। 

फिक्स्ड चार्ज के रूप में दिए 6553 करोड़ का मांगा स्पष्टीकरण
रंधावा ने कहा कि मार्च, 2017 तक अकाली सरकार ने फिक्स्ड चार्ज के रूप में 6553 करोड़ पावर प्लांटों को दिए जिसका वह पिछली सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हैं। उन्होंने कहा कि 25 सालों के लिए समझौतों के बदले 65 हजार करोड़ फिक्स्ड चार्ज देने होंगे जबकि पावर प्लांटों पर कुल 25 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। रंधावा ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री निजी पावर प्लांट से 2.80 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदने की बात कर रहे हैं जबकि अकाली दल अपनी सरकार की प्राप्तियों में लोगों को 6.39 रुपए प्रति यूनिट देने की बात करता है। इसी तरह 3.60 रुपए प्रति यूनिट के फर्क संबंधी भी अकाली नेता जवाब दें। उन्होंने कहा कि 2014 से सितम्बर, 2016 तक अकाली सरकार के समय पर बिजली की पूरी मांग के दौरान पंजाब ने बाहर से 13,822 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जो 3.34 रुपए से 3.41 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से पड़ती थी। उन्होंने कहा कि अपने राज्य के प्राइवेट पावर प्लांटों से 5.18 रुपए से 6 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदी गई। 

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