बरगाड़ी व बहबल कलां कांडःरणजीत सिंह आयोग काटजू रिपोर्ट को भी जांच में करेगा शामिल

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 09:55 AM (IST)

चंडीगढ़ (भुल्लर): बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2015 में बरगाड़ी में हुई गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी व इसके विरोध में बहबल कलां में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे सिख समुदाय के लोगों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में 2 सिख युवकों कृष्ण भगवान सिंह व गुरजीत सिंह की मौत के मामले में कैप्टन सरकार की ओर से पूर्व जस्टिस रणजीत सिंह के नेतृत्व में गठित किए गए आयोग द्वारा अपनी जांच में जस्टिस मार्कंडेय काटजू की रिपोर्ट को भी शामिल किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बादल सरकार द्वारा भी इन मामलों की जांच के लिए गठित किए गए जस्टिस जोरा सिंह कमीशन के अलावा सिख फार ह्यूमन राइट्स द्वारा सिख संगठनों की मांग पर पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू के नेतृत्व में अलग आयोग गठित किया गया। ह्यूमन राइट संगठन के प्रतिनिधियों हरपाल सिंह चीमा व अमर सिंह चहल ने शुक्रवार को जस्टिस रणजीत सिंह आयोग को काटजू रिपोर्ट सौंपी है। यह रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद रणजीत सिंह ने कहा है कि बेशक वह पहले ही इसका थोड़ा अध्ययन कर चुके हैं परंतु इसका और गहराई से अध्ययन करके इसे भी जांच रिपोर्ट में शामिल कर लिया जाएगा। इस आयोग ने कुछ ही माह में चश्मदीद गवाहों-घटनास्थलों का दौरा करके अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, जिसमें इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों की पहचान की गई थी। 

कैप्टन सरकार ने जोरा सिंह की जगह बनाया था रणजीत सिंह आयोग 
सरकार द्वारा गठित जस्टिस जोरा सिंह आयोग की जांच पर सवाल उठाते हुए उस समय राज्य सरकार को काटजू रिपोर्ट पेश करते हुए इसकी सिफारिशों पर कार्रवाई की मांग की गई थी परंतु सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया था। कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने के बाद जस्टिस जोरा सिंह आयोग की रिपोर्ट को रद्द करते हुए नया आयोग बनाया था। यह आयोग इन मामलों को लेकर अपनी रिपोर्ट लगभग तैयार कर चुका है और इसे कुछ ही दिन बाद पेश किया जा सकता है।

बरगाड़ी  चल रहा धरना
इस आयोग की रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक करने व बेअदबी व फायरिंग के सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इन दिनों बरगाड़ी में सरबत खालसा चब्बा द्वारा नियुक्त अकाल तख्त के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड के नेतृत्व में धरना भी दिया जा रहा है। राज्य सरकार बरगाड़ी मामले में आरोपी को पकड़ कर मामला सुलझाने का दावा कर चुकी है परंतु जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक न होने के कारण मामला शांत नहीं हुआ है।
 

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