पंजाब में टकसालियों के हाथों धीमे हुए अकाली!

punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2019 - 09:39 AM (IST)

लुधियाना: शिअद को 4 माह पहले पंजाब राजसी संबंध बेदावा देकर अकाली दल की किश्ती में से कूदकर अपना शिअद टकसाली बनाने वाले अकाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा पूर्व एम.पी., रत्न सिंह अजनाला पूर्व एम.पी., सेवा सिंह सेखवां पूर्व मंत्री, वीर दविन्द्र सिंह व अन्य ने लोकसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखा दी है।

ताजा लोकसभा मतदान के नतीजे से पता लगता है कि टकसाली नेताओं ने श्री आनंदपुर साहिब, फरीदकोट, जालंधर, संगरूर, पटियाला, श्री फतेहगढ़ साहिब, श्री खडूर साहिब, श्री अमृतसर सीट पर अपने राजसी हाथ दिखा दिए हैं, क्योंकि इन हलकों को पंथक सोच रखने वाले माना जाता है। बाकी जो टकसाली दल से बागी हुए हैं। जब वे बागी हुए थे तो शिअद के प्रधान व चोटी के नेताओं का उस समय यह बयान आया कि इनके पास क्या है और यह शिअद का कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। मगर अब हालात देखे जा रहे हैं कि शिअद सभी सीट हार गया, केवल बादल परिवार की बहू व पुत्र ही विजेता हुए हैं। इसकी चर्चा आजकल और कोई नहीं, बल्कि शिअद के नेता ही एक-दूसरे के साथ कर रहे हैं।

पंजाब में चाहे टकसाली खाता नहीं खोल सका परंतु उन्होंने जो श्री गुरु गं्रथ साहिब बेअदबी की बात पर बादलों पर अकाली दल पर कब्जा खत्म करने के लिए जो दोष लगाए थे उसका पंजाब के वोटरों पर टकसालियों के अनुसार कहीं न कहीं प्रभाव जरूर देखा गया है। आज जब टकसालियों के जनरल सचिव सेवा सिंह सेखवां के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि अकाली कहते थे कि टकसालियों के पास कुछ नहीं है और वे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम नहीं परमपिता परमात्मा जिसका निरादर किया है, इनका वही बिगाड़ रहा है। जो 2 सीटें दी हैं, जो एक कैप्टन व खैहरा के साथ मनप्रीत फ्रैंडली मैच के चलते हैं। अब तो मोदी को भी इनकी सच्चाई का पता लग गया है।

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