कम नहीं हो रही सुखबीर की मुसीबत,ब्रह्मपुरा गांव चोला में करेंगे शक्ति प्रदर्शन

punjabkesari.in Monday, Oct 29, 2018 - 02:18 PM (IST)

जालंधरःटकसाली नेताओं द्वारा शिरोमणि अकाली दल को अलविदा कहने के शुरू हुए सिलसिले के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। टकसाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा,रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, रतन सिंह अजनाला द्वारा सभी पदों से इस्तीफा दे दिया गया है।

अब पार्टी में माझे का जरनैल के नाम से मशहूर ब्रह्मपुरा अपने बेटे और खड़ूर साहिब के पूर्व विधायक रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा को राजनीति की दौड़ में आगे लाने के लिए 4 नवम्बर  को समर्थकों के साथ तरनतारन के गांव चोला साहिब में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। उनका यह कदम शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल के सभी को एकजुट करने के प्रयासों पर पानी फेरने के सामान है।

सभी को एकजुट करने में असफल रहे सुखबीर

इस संबंधी ब्रह्मपुरा ने कहा कि पिछले 5 सालों में सुखबीर सभी को एकजुट करके चलने में असफल रहे हैं। सिरसा डेरा प्रमुख को क्षमा करने से पहले, न तो उन्होंने किसी से सलाह मांगी और न ही उन्होंने कोर कमेटी की बैठक बुलाई। इसी कारण वह ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुए हैं।उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम है। वह इसे स्पष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने पिछले अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बहिबल कलां में 2015 में पुलिस गोलीबारी में सिख प्रदर्शनकारियों की हत्या और डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करने का विरोध किया था। इसी कारण ही उन्होंने 7 अक्तूबर को पटियाला रैली का बहिष्कार भी किया था। 

ब्रह्मपुरा को मनाने में जुटे  सुखबीर

हालांकि, रविंदर ब्रह्मपुरा ने चोला साहिब में किए जाने वाले शक्ति प्रदर्शन पर कहा कि यह विधानसभा स्तर की बैठक है। वहीं सूत्रों का कहना है कि सुखबीर ने ब्रह्मपुरा को मनाने की कोशिश कर  रहे है,पर वह प्रकाश सिंह बादल को छोड़कर किसी से भी मिलना नहीं चाहते हैं।  उल्लेखनीय है कि ब्रह्मपुरा ने पूर्व सांसद रतन सिंह अजनाला और पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां के साथ  30 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा था कि सुखबीर के नेतृत्व में अकाली दल में सभी ठीक नहीं  ।

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