जो जत्थेदार सिरसे वाले को माफी दे सकते हैं, सिख कौम उनसे क्या उम्मीद रख सकती है: ढडरियां वाला

punjabkesari.in Wednesday, Aug 26, 2020 - 08:48 AM (IST)

पटियाला/रखड़ा(रणजीत राणा): श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से पांच सिंह साहिबान की हुई बैठक में भाई रणजीत सिंह ढडरियां वाला को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच कर माफी मांगने तक उनके दीवानों पर लगाई रोक से जहां जागरूक सिखों का एक बड़ा वर्ग भड़क उठा है, वहीं भाई रणजीत सिंह ढडरियां वाले ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह व बाकी सिंह साहिबान से सवाल पूछते हुए कहा कि उस पर आखिर आरोप क्या हैं और सबूत कहां हैं, जिनके आधार पर उन्हें माफी मांगने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यदि उन पर लगाए आरोप सिद्ध होते हैं तो वह श्री अकाल तख्त साहिब से लाखों बार माफी मांग सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों के सबूत सार्वजनिक किए जाएं जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने कहा कि सिख कौम में जूतियों को माथे टिकाने वाले पाखंडी सिख प्रचारकों को कभी भी श्री अकाल तख्त साहिब से सजा होती न देखी है और न ही सुनी है। ऐसे प्रतीत होता है कि जत्थेदार साहिब स्वतंत्र तौर पर फैसले लेने में असमर्थ हैं और सिख विरोधी ताकतों के हथकंडे के तौर पर कौम पर फैसले थोपने के लिए मजबूर दिखाई दे रहे हैं। लिहाजा जो जत्थेदार सिरसे वाले को माफी दे सकते हैं, उनसे सिख कौम क्या उम्मीद रख सकती है? उन्होंने कहा कि पुराने समय दौरान यदि कोई स्थापित व्यवस्था के खिलाफ या जागरूकता भरपूर बात करता था तो उसकी जुबान काट दी जाती थी। परंतु इतना समय बीतने के बावजूद आज भी नादिरशाही फरमान जारी होते देख मन असहज महसूस कर 
रहा है। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हमारे जत्थेदारों को जो फैसले सिख कौम की चढ़दीकला के लिए लेने चाहिएं, वह नहीं लिए जा रहे, उलटा राजनीतिक ताकतों के पीछे लग ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिन पर पूरी दुनिया में बैठी सिख कौम शर्म महसूस कर रही है। 

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