Video: इस बच्ची के साथ जो हुआ हालत देख रो पड़ेंगे आप भी, अब सरकारी दर्द के तले दब रहे बाप-बेटी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 11:52 AM (IST)

अमृतसर (दलजीत): दुष्कर्म का शिकार हुई 7 वर्षीय बच्ची का दर्द अब सरकारी तंत्र के कारण और बढ़ गया है। सरकार द्वारा दुष्कर्म से पीड़ित महिलाओं तथा बच्चियों का इलाज मुफ्त सरकारी अस्पताल में किए जाने का दावा किया जाता है, परंतु असलियत में यह दावा जमीनी स्तर पर हकीकत में नहीं बदलता।

 

अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में उपचाराधीन बच्ची की हालत स्थिर है। दुष्कर्मी ने बच्ची के गुप्तांग में लोहे की राड घुसा दी थी। इस कारण बच्चेदानी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। डाक्टरों ने सर्जरी कर बच्चेदानी तो निकाल दी, पर फिस्टुला ग्रंथियों को पुनर्जीवित करने के लिए यहां पीडिएट्रिक सर्जन नहीं, इसलिए बच्ची को पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर किया जाएगा। इसके अलावा अब बच्ची के परिजनों से बाहरी प्राइवेट मैडीकल स्टोरों से दवा मंगवाई जा रही है, गरीबी के कारण अब परिजन दवा लाने में बेबस हो गए हैं।

जानकारी के अनुसार बच्ची के पिता कपूरथला में दिहाड़ी करते हैं। रेलवे कोच फैक्टरी के नजदीक झुग्गी बनाकर रहते हैं। उनके अनुसार 15 मार्च को उनकी झुग्गी के पास रहने वाला व्यक्ति बच्ची को बिस्कुट खिलाने की बात कहकर ले गया। एक घंटे बाद बच्ची पास के खेतों में लहूलुहान अवस्था में मिली। बच्ची के गुप्तांग में सरिया घुसा था, उसकी दोनों टांगे तोड़ दी गई थीं। गला घोंटकर मारने का प्रयास भी किया गया था। दरिंदगी की सभी सीमाएं इस शख्स ने पार कर दीं। पुलिस ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया और इसके बाद उसे गुरु नानक देव अस्पताल रैफर कर दिया गया। घटना को अंजाम देने वाले 26 वर्षीय मुकेश कुमार को गिरफ्तार कर पोस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया। पिता के अनुसार मनोज कुमार दुष्कर्म के बच्ची को मारना चाहता था।

जेब में इलाज के पैसे नहीं
पिता के अनुसार उनके पास बच्ची के उपचार के लिए पैसे तक नहीं। सरकार ने फ्री इलाज करवाने की बात कही थी, पर अब मुझसे अस्पताल में इंजैक्शन मंगवाए जा रहे हैं। दो-दो हजार रुपए के इंजैक्शन खरीद पाना मेरे वश में नहीं।

क्या कहते हैं अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट
गुरु नानक देव अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. के.डी. सिंह का कहना है कि बच्ची का उपचार नि:शुल्क किया गया है। बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी। हमने मैडीकल टीम बनाई, रात भर डाक्टर सर्जरी करते रहे। बच्ची का एम.आर.आई. स्केन करवाया जाना था। स्केन के लिए कंट्रेस की जरूरत होती है। यह अस्पताल में उपलब्ध नहीं, इसलिए बच्ची के पिता से डाक्टर ने मंगवाया होगा। इसमें खर्च हुई राशि भी हम बिल क्लीयर करवाकर पिता को दे देंगे।

Content Writer

Vatika