धान की सीधी बुआई से किसानों में दहश्त, चूहों से हो सकता है फसल को भारी नुकसान

punjabkesari.in Tuesday, May 31, 2022 - 02:27 PM (IST)

लुधियाना (सलूजा): पंजाब में तेजी से गिर रहे जमीनी पानी के स्तर को बचाने के मकसद से पंजाब सरकार ने राज्य भर के किसानों को आह्वान किया कि वह इस बार धान की सीधी बुआई करे और प्रति एकड़ 1500 रूपए प्रति सरकार से प्राप्त करे। इस ऐलान के बाद पंजाब के बहुत से किसान धान की सीधी बुआई करने को लेकर आगे आए है। लेकिन इसी के साथ ही किसान चूहों को लेकर दहश्त में है। क्योंकि धान की फसल को चूहे भारी नुकसान पहुंचाते है। पहले धान की बुआई हेतु खेत में अच्छी तरह बुआई करने के बाद पानी खड़ा करके कदू किया जाता था। जिस कारण चूहों की खड्डे खत्म हो जाती थीं और धान की फसल का नुकसान भी कम होता था।

PunjabKesari

धान की सीधी बुआई के क्यां है फायदें
पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान विभाग के प्रिंसीपल जूलॉजिस्ट डॉ.नीना सिंगला ने बताया कि धान की सीधी बुआई करने का सबसे बड़ा फायदा तों जमीनी पानी की 10 से 20 फीसदी तक बचत होती है और इसी के साथ ही मजदूरी भी बचती है। उन्होंने बताया कि सीधी बुआई से चूहों की समस्या बढ़ जाती है।

चूहों की 4 किस्में
अंधा चूहा, भूरा चूहा, नरम चमड़ी वाला चूहा और खेतों की चूही। चूहों की यह चार किस्में धान के खेतों में मिलती है। अंधे चूहे की पहचान छोटी छोटी मिट्टी की ढेरीयां से लगाई जा सकती है। चूहों की सूंघने व स्वाद की शक्ति बहुत तेज होती है। जिस कारण अपने भोजन की तलाश में बेहद माहिर होते है। चूहे खुड्डो में रहते है और अपने इर्द गिर्द के वातावरण अनुसार अपने आप को ढाल लेते है। इनमें बच्चें पैदा करने की समर्था बहुत होती है। एक चूही एक बार में 5 से 12 बच्चों को जन्म दे सकती है और एक वर्ष में 8 से 10 बार जन्म देती है। 

चूहों से कैसे करे बचाव
गेहुं की कटाई के बाद चूहों की खुड्डे आसानी से मिल जाती है। शाम के समय सारी खुड्डों के मूंह बंद करें और अगले दिन ताजी खुली खुड्डों में 10-10 ग्राम जिंक फास्फाइड वाले मिश्रण को कागज की पुड़ियों में लपेट कर लगभग 6 इंच नीचे हर खुड के अंदर रखें। खेतों में से नदीन घास व झाड़ियो को उखाड़ दें क्योंकि यह चूहों को छिपने व खुराक हेतु मदद देते है। चूहों की पुरानी खुड्डों को खत्म करने के लिए खेतों की वटो व खाल आदि को समय पर गिरा कर फिर से बनाएं। 

उल्लू, ईल, सांप, बिल्लीयां व नेवलो को न मारे
पानी से भरी खुड्डों में से निकलते चूहों को मारने में उल्लू, ईल, सांप, बिल्लीयां व नेवलो को सार्थक साबित होते है इसलिए इन्हें न मारें। इसी के साथ ही पिंजरों का इस्तेमाल करके चूहों की मार से किसान अपनी धान की फसल को बचा सकते है। इसलिए किसान खेतों में चूहों के आने जाने वाले रास्तों और 16 पिंजरे प्रति एकड़ से हिसाब रखें। एक स्थान पर बार-बार पिंजरे न रखें बल्कि हर बार पिंजरे का स्थान बदलें। क्योंकि चूहे का जब यह पता चल जाता है कि उस जगह पर पिंजरा लगा हुआ है तों फिर वह उस तरफ जाता ही नहीं है। चूहों पर साइंटिफिक ढंग अपना कर भी कंट्रोल किया जा सकता है।

धान की फसल पकने के समय चूहों की रोकथाम
किसानों को यह सलाह दीं गई है कि धान की फसल पकने के समय चूहों की रोकथाम हेतु जिंक फास्फाइड या बरमूडा लोन का इस्तेमाल खेतों में 400 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से करे। चूहों को खत्म करने के लिए जहरीले मिश्रण को सावधानी से तैयार करे और इसका इस्तेमाल तब ही करे जब एक एकड़ में चूहों की 10 से अधिक खड्डे हो। चूहे मार दवा और जहरीले मिश्रण से बच्चों और पालतु जानवरों को बचा कर रखे। 

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kalash

Recommended News

Related News