गुरु रविदास मंदिर का गिराया जाना बन सकता है भाजपा के गले की फांस

punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2019 - 01:05 PM (IST)

जालंधर(सोमनाथ): दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित श्री गुरु रविदास मंदिर को गिराए जाने के विरोध में मंगलवार को समस्त रविदासिया भाईचारे की तरफ से देशभर में धरने देकर प्रदर्शन किया गया। कुछ एक जगह पर हिंसक घटनाएं भी हुईं। प्रदर्शनकारियों सहित कुछ अन्य लोग घायल भी हुए। धरना प्रदर्शन के हिंसक रूप अख्तियार किए जाने से सरकारी व निजी संपत्तियों को नुक्सान पहुंचा। केंद्र में शासित भाजपा सरकार मौके पर स्पष्ट स्टैंड लेकर सबकुछ रोक सकती थी। 

दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा श्री गुरु रविदास मंदिर गिराए जाने को लेकर रविदासिया समुदाय में भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी पाई जा रही है। समुदाय से जुड़े नेताओं का कहना है कि यह मंदिर श्री गुरु रविदास जी महाराज की चरण स्पर्श धरती है और इस जगह पर उन्होंने कई वर्ष तप किया है इसलिए यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र था। हर रोज हजारों लोग मंदिर में माथा टेकने जाते थे और समय-समय पर रविदासिया समुदाय की तरफ से आस्था के इस केंद्र में गुरुपर्व मनाए जाते थे। समुदाय से जुड़े लोगों की भाजपा से नाराजगी इस कारण भी है कि इस मंदिर पर जो कार्रवाई दिल्ली विकास प्राधिकरण ने की है केंद्र में बैठी भाजपा सरकार इसे रोक सकती थी क्योंकि 1957 में अस्तित्व में आया दिल्ली विकास प्राधिकरण सीधे लैफ्टिनैंट गवर्नर दिल्ली के अंडर काम करता आ रहा है। इसमें दिल्ली सरकार का कोई दखल नहीं है। यही नहीं, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डी.डी.ए.) की इस कार्रवाई से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद भी नाराज हैं।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आश्वासन
दिल्ली में उच्च स्तर पर रविदासिया समुदाय की बैठक केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ हुई।  केंद्रीय मंत्री से रविदासिया भाईचारे का प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय रविदासिया धर्म (रजि.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव वाघमारे के नेतृत्व में मिला। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से यह जमीन लेकर मंदिर कमेटी को देने का आश्वासन दिया है।   

मंदिर की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता
एडवोकेट सतपाल विरदी, एडवोकेट इंद्रजीत सिंह, नैशनल शैड्यूल्ड कास्ट अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ, आदि धर्म मिशन खुरालगढ़ साहिब के संत सतविन्द्र सिंह हीरा के अनुसार तुगलकाबाद स्थित श्री गुरु रविदास मंदिर 600 वर्ष पुराना मंदिर है। इस मंदिर की जमीन दिल्ली के सम्राट सिकंदर लोधी ने दी थी। सिकंदर लोधी हर हाल में श्री गुरु रविदास जी का धर्मांतरण कर उन्हें मुस्लिम बनाना चाहता था लेकिन जब किसी भी तरह वह सफल नहीं हो पाया तो बादशाह के आदेश पर श्री गुरु रविदास महाराज को जेल में डाल दिया गया। इसके जवाब में चंबर वंश के क्षत्रियों ने दिल्ली को घेर लिया था। इससे भयभीत होकर सिकंदर लोधी ने गुरु महाराज को छोड़ दिया। यही नहीं, गुरु महाराज की शिक्षाओं से प्रभावित होकर स्वयं बादशाह सिकंदर लोधी ने 800 कनाल (लगभग 12 बीघा और 7 बिस्वा) जमीन उपहार स्वरूप दी थी, जिस पर गुरु महाराज के अनुयायियों ने 600 साल पहले मंदिर बनाकर सत्संग शुरू किया था।  एडवोकेट विरदी ने बताया कि 1959 में स्वयं उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम इस मंदिर में गए और मंदिर का पुनरुद्धार करवाया। यही नहीं, दिल्ली रैवेन्यू रिकार्ड में इस मंदिर का इंदराज दर्ज है। 1964 में इस मंदिर की जमीन को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अपने कब्जे में ले लिया और कोर्ट में केस चला गया।

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