पनबस व PRTC के कच्चे मुलाजिमों ने 3 दिवसीय हड़ताल कर बसों का रखा चक्का जाम

punjabkesari.in Monday, Jun 28, 2021 - 03:47 PM (IST)

लुधियाना (मोहिनी): पिछले काफी लंबे समय से कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्ज राज्य सरकार के विरुद्ध संघर्ष को अंजाम दे रहे हैं लेकिन राज्य सरकार द्वारा उनकी किसी भी मांग को पूरा न करने के विरोध में पंजाब रोडवेज पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन और पी.आर.टी.सी. के कच्चे मुलाजिमों ने तीन दिवसीय हड़ताल करके कैप्टन सरकार के विरुद्ध जोरदार नारेबाजी करके अपनी भड़ास निकाली। जिस कारण बस स्टैंड को 4 घंटे तक बंद करके बसों का मुक्कमल चक्का जाम रखा। जबकि प्राइवेट बसें बस स्टैंड के बाहर से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए लाइनों में लगी हुई थी। जिस कारण टै्रफिक की समस्या उत्पन्न हो गई।

बस स्टैंड पर यूनियन द्वारा रोष प्रदर्शन किया गया जिसको संबोधित करते हुए यूनियन के राज्य उपप्रधान सतनाम सिंह व गुरप्रीत सिंह बडै़च ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि सरकारी विभागों को बचाने की लड़ाई में उनका साथ दें। उन्होंने कहा कि पिछले काफी लंबे समय से वह अपनी मांगों संबंधी राज्य सरकार को पत्र लिखकर भेज रहे हैं और इस हड़ताल संबंधी मुख्यमंत्री पंजाब, ट्रांसपोर्ट मंत्री, ट्रांसपोर्ट सचिव, एम.डी. पी.आर.टी.सी., डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट को सूचना देने के बावजूद भी कोई मीटिंग नहीं बुलाई गई।  और न ही किसी मसले का हल निकाला गया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह द्वारा राज्य में सत्ता हासिल करने से पहले घर-घर नौकरी देने, ट्रांसपोर्ट माफिया को खत्म करना और समूह विभागों में तैनात ठेका मुलाजिमों को रैगुलर करने की मांग को पहली ही कैबिनेट मीटिंग में हल करने का वायदा किया था, लेकिन कैप्टन सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान किए हुए वायदे को अभी तक नहीं निभाया। जिस कारण पंजाब के कच्चे मुलाजिमों में भारी रोष पाया जा रहा है।

ठेका प्रणाली में की चक्की में पिस रहे मुलाजिम, सरकार वायदे से भागी 
यूनियन ने कहा कि वह 14 से 15 साल लगातार ठेका प्रणाली में चक्की की तरह पिस रहे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया और खजाना खाली होने तथा कानूनी अड़चनों का बहाना बनाकर ठेका मुलाजिमों को पक्का करने के वायदे से सरकार लगातार पीछे हट रही है।
सतनाम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने 4 वर्षों में न तो कोई नई बसें डाली और न ही उनका फलीट पूरा किया है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार ट्रांसपोर्ट माफिया के साथ मिलीभगत करके सरकारी ट्रांसपोर्ट को खत्म करना चाहती है। 
उन्होंने कहा कि पंजाब रोडवेज/पनबस और पी.आर.टी.सी. के कच्चे मुलाजिमों को सरकार तुरंत पक्का करे। और उनका कहना है कि रिपोर्टों की कंडीशनों को रद्द किया जाना चाहिए और कोरोना महामारी के कारण कर्मचारियों की मौत होने पर उनके परविार को 50 लाख रुपए की राशि के साथ परिवारिक मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाए।

पंजाब और अपने शहर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tania pathak

Recommended News

Related News