अब स्कूलों के आसपास भी नहीं बिकेंगे Ready To Eat फूूड, जंक फूड के विज्ञापन पर भी पाबंदी

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 10:51 AM (IST)

लुधियाना(मीनू): बच्चों की सेहत को बेहतर बनाने और पौष्टिक भोजन को बढ़ावा देने के लिए खाद्य नियामक भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण ने स्कूल कैंटीन और स्कूल परिसर के आसपास जंक फूड की बिक्री और सभी तरह के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। ये ऐसी फूड आइटम हैं जिनमें फैट, साल्ट और शूगर की अधिक मात्रा है। एच.एफ.एस.एस. की कैटेगरी में फ्रैंच फ्राइज, फ्राइड चिप्स, समोसा, चने-भटूरे, गुलाब जामुन, अधिक शूगर वाले कार्बोनेटेड या नॉन-कार्बोनेटेड बेवरेज, रैडी टू ईट फूड, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर जैसी फूड आइटम्स को रखा गया है। इन्हें स्कूल कैंटीन, मैस परिसर, हॉस्टल या किसी भी तरह से स्कूली बच्चों को नहीं दिया जा सकता है। 

वहीं स्कूल परिसर के 50 मीटर के अंदर भी ऐसे पदार्थों की बिक्री नहीं हो सकती। ऐसे जंक फूड के विज्ञापन भी स्कूल परिसर और उसके 50 मीटर के दायरे में नहीं लगाए जा सकते। इसमें ब्रांड का नाम, लोगो, पोस्टर, बच्चों की किताब-कॉपी के कवर इत्यादि पर होने वाला विज्ञापन भी शामिल हैं। खाद्य नियामक ने कहा कि तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद खाद्य संरक्षा और मानक नियम-2020 को नोटीफाइड कर दिया गया है। इसे नोटीफाइड करने से पहले सभी हितधारकों को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। एफ.एस.एस.ए.आई. ने राज्यों के स्कूली शिक्षा विभागों और खाद्य प्राधिकरणों को बच्चों के लिए सुरक्षित और संतुलित, सेहतमंद भोजन की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। स्कूल प्रशासन को भी इस तरह का खाने-पीने का सामान नहीं बेचने के बोर्ड अंग्रेजी और एक भारतीय भाषा में स्कूल के भीतर और स्कूल के गेट तथा आसपास लगाने के निर्देश दिए गए हैं।


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