ये है 'सर्वाइकल' का कारण, आप भी आज ही हो जाएं सावधान

punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 06:33 PM (IST)

गुरदासपुर (हरमन): दिन-ब-दिन बदलती जीवनशैली और खान-पान के तरीकों ने जहां इंसान को कई अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार बना दिया है, वहीं उठने-बैठने, लेटने और अन्य कामकाज करते समय बरती जाने वाली लापरवाही के कारण आज के दौर में हर उम्र के लोग 'सर्वाइकल' से पीड़ित होते जा रहे हैं। पहले आमतौर पर सिर्फ 60 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को सर्वाइकल की समस्या होती थी। लेकिन अब मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी के बढ़ते उपयोग सहित कई कारणों से युवा और बच्चे भी सर्वाइकल की समस्या से पीड़ित होते जा रहे हैं।

इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण सही ढंग से न बैठना और लेटना माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद लोग इस बीमारी से सचेत नहीं हैं। कई डॉक्टरों और आम लोगों से बातचीत करने पर यह बात सामने आई है कि ज्यादातर लोगों को इस बीमारी के असली कारणों का पता ही नहीं है, जिनकी ओर से सिर्फ दर्द कम करने वाली दवाएं खाकर ही काम चलाया जा रहा है।

सर्वाइकल होने के मुख्य कारणडॉक्टरों के अनुसार, करीब 75 फीसदी लोग सर्वाइकल से पीड़ित हैं। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिनकी गर्दन में हल्का दर्द रहता है। लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि वे सर्वाइकल से पीड़ित हैं। इसी तरह युवा और बच्चे भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण कई घंटे लैपटॉप पर काम करने के अलावा हर वक्त मोबाइल फोन पर व्यस्त रहना है। मोबाइल फोन का उपयोग करते समय ज्यादा समय तक गर्दन नीचे की ओर झुकी रहती है, जिसके कारण गर्दन की मांसपेशियां एक ही जगह पर सख्त होनी शुरू हो जाती हैं और उनका लचीलापन भी कम हो जाता है।

इसी तरह टी.वी. देखते समय भी ज्यादातर लोग बिस्तर पर टेढ़े लेट जाते हैं और कई बार बिस्तर का सहारा लेकर गलत ‘पोस्चर’ में बैठते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सीधे तौर पर सर्वाइकल का दर्द शुरू हो जाता है। उम्र बढ़ने के साथ भी सर्वाइकल का दर्द ज्यादा बढ़ना शुरू हो जाता है। उपरोक्त के अलावा कोई पुरानी चोट या अन्य कई कारण इस दर्द को जन्म देते हैं।

सर्वाइकल के लक्षण

सर्वाइकल होने पर गर्दन में अकड़न पैदा हो जाती है और शुरू में हल्का दर्द महसूस होता है। बाद में यह दर्द पीठ और हाथ की ओर बढ़ना शुरू हो जाता है जो धीरे-धीरे हाथों और बांहों को सुन्न करना शुरू कर देता है। कई बार इस समस्या से पैर भी सुन्न होने शुरू हो जाते हैं और मरीज को चक्कर आने के अलावा उल्टी जैसा मन बनना शुरू हो जाता है।

क्या है इलाज?

गुरदासपुर से संबंधित हड्डियों के रोगों के विशेषज्ञ डॉ. दीपक सहोत्रा ने बताया कि इस समस्या के इलाज के लिए सबसे पहले बैठने और लेटने के लिए 'पोस्चर' सही करना चाहिए। हमेशा सीधे बैठना और सीधे लेटना चाहिए। खास तौर पर दर्द खत्म करने वाली दवाएं खाने के बजाय कसरत, योगा और फिजियोथेरेपी को प्राथमिकता देनी चाहिए। दवा से कुछ समय की राहत तो मिल सकती है, लेकिन इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनी जीवनशैली में सुधार करना सबसे जरूरी है।

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News Editor

Kalash

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