खालिस्तानी गुट का नापाक एजैंडा: रैफरैंडम 2020 कैंपेन के लिए करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 09:57 AM (IST)
जालंधर (विशेष): पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को तेज करने के उद्देश्य से खालिस्तानी गुट सिख्स फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) द्वारा सोशल मीडिया पर एक संदेश फैलाया जा रहा है कि करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से पाकिस्तान द्वारा कॉरिडोर पर ली जा रही 20 डॉलर फीस को उनका ग्रुप वापस करेगा।
संदेश में लिखा गया है, ‘‘पंजाब के जिन सिख श्रद्धालुओं ने 9 से 12 नवम्बर के बीच करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल किया वे 20 डॉलर की सॢवस फीस का भुगतान वापस पाने के लिए एस.एफ.जे. से कृपया संपर्क करें।’’ संदेश में स्कैन की हुई फीस की रसीद और राष्ट्रीय पहचान कार्ड (आई.डी.) की प्रतियों को ई-मेल पते या व्हाट्सएप नंबर पर भेजने के लिए कहा गया है। उल्लेखनीय है कि सिख्स फॉर जस्टिस नामक संगठन ने रैफरैंडम-2020 के नाम से भारत विरोधी एजैंडा चला रखा है। इसके पोस्टर पाकिस्तान के अधिकतर गुरुद्वारों के आसपास देखे जा सकते हैं। यह संगठन अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने और रैफरैंडम के लिए वोट जुटाने को करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल करने की फिराक में है।
संदेश के नीचे ही एक वैबसाइट का पता दिया गया है जिसमें ‘पंजाब रैफरैंडम-2020 खालिस्तान’ के एडवांस वोटर के तौर पर रजिस्टर करने के लिए लॉग इन करने के लिए कहा जा रहा है। भारतीय प्रशासन की ओर से समय-समय पर खालिस्तानी आतंकियों और उनसे जुड़े संगठनों की ओर से कॉरिडोर के दुरुपयोग को लेकर आशंकाएं जताई जाती रही हैं।यह घटनाक्रम भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती वाला है क्योंकि इससे एस.एफ.जे. को कई भारतीय नागरिकों का डाटा कलैक्शन का मौका मिलेगा। ऐसे में फोरम की ओर से अपने नापाक एजैंडे के प्रचार के लिए संभावना बनी रहेगी। इस तरह का हथकंडा पाकिस्तान को किसी तरह के जुड़ाव से इन्कार करने का मौका देगा।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पहले ही जता चुके हैं चिंता
पाक प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के गलत इस्तेमाल को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पहले ही चिंता जता चुके हैं। अब जबकि एस.एफ.जे. का नापाक एजैंडा सामने आया है तो इससे यह लगने लगा है कि एस.एफ.जे. का मकसद 2020 सिख रैफरैंडम के लिए संख्या और वोटर्स बढ़ाने के लिए 20 डॉलर का प्रलोभन देकर खालिस्तान समर्थकों का डाटा इकट्ठा करना और उनकी लोकेशन जानना है। इसके बाद पंजाब में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल्स एस.एफ.जे. द्वारा बताई लोकेशन पर लोगों से संपर्क कर सकते हैं। भारतीय खुफिया एजैंसियां इस पर बारीकी के साथ नजर रखे हुए हैं।