रैफरैंडम-2020 को बढ़ावा देने के लिए खालिस्तानी समर्थकों ने 6 जून की रैली के लिए गतिविधि की तेज

punjabkesari.in Saturday, May 18, 2019 - 11:15 AM (IST)

जालंधर(मृदुल): अमरीका के वॉशिंगटन डी.सी. में 6 जून को खालिस्तानी समर्थक रैफरैंडम-2020 को बढ़ावा देने के लिए सिख फॉर जस्टिस ग्रुप पिछले 2 सालों से एक्टिव है, जोकि खालिस्तान को दोबारा लाने की मांग कर रहा है। इस लहर को और बढ़ावा देने के लिए सिख फॉर जस्टिस ने सेना के सिख जवानों व पंजाब पुलिस के अफसरों सहित मुलाजिमों को स्पांसरशिप देने का ऐलान किया है। इस मामले में सिख फॉर जस्टिस ग्रुप के लीगल एडवाइजर और मीडिया में सुर्खियां बटोरने वाले गुरपतवंत सिंह ने ट्विटर पर बकायदा पोस्ट डालकर पंजाब पुलिस के मुलाजिमों और सेना के जवानों को 6 जून को होने वाली इस रैली में शामिल होने के लिए न्यौता दिया है। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रैस नोट तक जारी किया है। 

दरअसल, 6 जून को वॉशिंगटन डी.सी. में 6 जून सन् 1984 में हुए कत्लेआम के  दौरान खालिस्तान की मांग की लहर को दोबारा प्रबल करने के लिए सिख फॉर जस्टिस ग्रुप इस रैली को कर रहा है, क्योंकि इस ग्रुप की ओर से खालिस्तान की वापसी के संबंध में की जाने वाली मांग पंजाब सरकार की ओर से काफी खतरा मानी जा रही है। इसको लेकर सरकार की ओर से ग्रुप के लीगल एडवाइजर गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ इंटरपोल के माध्यम से अरैस्ट वारंट इश्यू करवाकर गिरफ्तारी की मांग भी की गई थी। हालांकि इस संबंध में गुरपतवंत सिंह पन्नू को क्लीन चिट भी मिल गई थी, जिसके बाद काफी कंट्रोवर्सी भी हुई थी। बहरहाल सोशल मीडिया पर 6 जून को होने वाली रैली में पंजाब पुलिस के मुलाजिमों को न्यौता देकर ग्रुप की ओर से दोबारा एक प्रोपेगंडा खड़ा किया गया है। 

इस संबंध में गुरपतवंत सिंह ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाऊंट पर प्रैस नोट जारी करते हुए कहा कि उनकी इस रैली के लिए काफी सेना के सिख जवान और पंजाब पुलिस के कुछ वालंटियर आगे आए हैं, जिसके बल पर बकायदा सिख फॉर जस्टिस ग्रुप की ओर से फ्री स्पांसरशिप दी जाएगी। वहीं यह भी सख्त तौर पर लिखा गया है कि सिर्फ सेना में तैनात सिख जवान और पंजाब पुलिस के अफसर व मुलाजिम ही आ सकते हैं। किसी और एजैंसी (यानी रॉ, एन.आई.ए., आई.बी., सी.बी.आई.) के लोग इसमें शामिल नहीं होंगे। ग्रुप की ओर से किसी भी मुलाजिम को स्पांसरशिप भेजने के बाद उसकी बकायदा गहरे तौर पर प्रोफाइल चैक की जाएगी कि कहीं कोई खुद को पंजाब पुलिस का मुलाजिम बताकर बोगस फाइल तो नहीं लगा रहा। इसको लेकर इमीग्रेशन के लिहाज से काफी गंभीरता से इमीग्रेशन प्रोसैस को फॉलो किया जाएगा। 

आतंकियों की सूची कनाडा को सौंप चुके हैं कैप्टन
रैफरैंडम-2020 अभियान की अगुवाई करने के लिए नियुक्त वांछित खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संबंध में मीडिया की रिपोर्ट पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए अमरेंद्र ने कहा था कि कनाडा सिख कट्टरपंथियों की लगातार मदद कर रहा है, जो अच्छी बात नहीं है। गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के फरवरी 2018 में भारत आने पर अमृतसर में हुई मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उनको वांछित आतंकियों की जो सूची सौंपी थी, उसमें हरदीप सिंह निज्जर का भी नाम है।

पंजाब में वारदातें और पोस्टर
27 जुलाई, 2015 को आतंकियों ने गुरदासपुर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया, जिसमें गुरदासपुर के एस.पी. सहित 7 लोगों की मौत हो गई। 2 जनवरी, 2016 को आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए और 6 आतंकी मारे गए। 2016 से पंजाब के मोहाली, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, गुरदासपुर, पटियाला, मोगा, अमृतसर, होशियारपुर और तरनतारन में खालिस्तान व रैफरैंडम-2020 के समर्थन में पोस्टर लगाने के कई मामले सामने आए हैं। 

ऐसे हुई शुरूआत रैफरैंडम-2020 की
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पुलिस विभिन्न हिस्सों में आतंकियों से जुड़े 20 मॉड्यूल्स को बेनकाब कर चुकी है। इनसे हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए हैं। पंजाब को लेकर 13 जून, 2014 को न्यूयार्क स्थित खालिस्तान समॢथत सिख फॉर जस्टिस ने रैफरैंडम-2020 मुहिम के समर्थन में पहली रैली की थी। उसके बाद 6 जून, 2015 को ऑप्रेशन ब्लू स्टार की बरसी पर पहली बार प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में देश विरोधी गुट ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए।

ये भी हैं मामले
अगस्त 2018 को सिख फॉर जस्टिस ने लंदन के ट्रैफलगर स्क्वायर में रैफरैंडम-2020 को कामयाब बनाने के लिए रैली की। 15 सितम्बर, 2018 को पंजाब के जालंधर जिले के मकसूदां थाने में 4 धमाके हुए थे, 10 अक्तूबर, 2018 को पंजाब पुलिस व जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑप्रेशन में जालंधर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से 3 कश्मीरी छात्र गिरफ्तार हुए। उनके पास से ए.के.-56 राइफल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे।

कॉरीडोर को मकसद का पुल बताते हैं खालिस्तानी समर्थक
सिख फॉर जस्टिस (एस.जे.एफ.) ने इस करतारपुर कॉरीडोर के निर्माण को खालिस्तान के लिए पुल बताया है। यही नहीं, करतारपुर में कॉरीडोर के उद्घाटन समारोह में खालिस्तान जनमत के साथ गोपाल चावला की तरफ से बधाई से संबंधित पोस्टर भी लगे थे। कुख्यात खालिस्तान समर्थक चावला को हाफिज सईद और आई.एस.आई. का करीबी माना जाता है। यही वजह है कि श्री गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर पाकिस्तान में करतारपुर साहिब सम्मेलन-2019 आयोजित करने की योजना बना चुका है। इस पर गहन ङ्क्षचतन करने की आवश्यकता है, नहीं तो पंजाब बुरी तरह से आतंक की गिरफ्त में आ सकता है।

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