बंदी छोड़ दिवस पर जत्थेदार हवारा ने गुलामी से निजात पाने के लिए दिया यह संदेश

punjabkesari.in Thursday, Nov 04, 2021 - 02:34 PM (IST)

अमृतसरः खालसा की तरफ से स्थापित किए गए जत्थेदार जगतार सिंह हवारा की तरफ से राष्ट्र के नाम भेजा संदेश हवारा समिति के प्रवक्ता प्रो. बलजिंदर सिंह की तरफ से श्री हरिमन्दर साहिब के गलियारे में संगतों के रू-ब-रू होते पढ़ा गया।

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जत्थेदार जगतार सिंह हवारा की तरफ से संबोधन करते प्रो. बलजिन्दर सिंह ने कहा कि सिख धर्म जहां अकाल पुरुष की रजा में रहने की युक्ति बताता है, वहीं सभी धर्मों की आजादी और एक-दूसरे के प्रति सहनशीलता का सिद्धांत दृढ़ करवाता है। उन्होंने कहा कि उस समय के शासकों को श्री अकाल तख्त साहिब और श्री दरबार साहिब का वजूद पसंद नहीं आया और आज दिल्ली के शासकों को भी यह बरदाश्त नहीं हो रहा है। बेशक तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करवाना पंथ की आखिरी मंजिल नहीं परन्तु मौजूदा किसानी संघर्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता। तकरीबन एक वर्ष के संघर्ष में अनेकों जानें गई। लखीमपुर खीरी की घटना ने उन्हें झंझोड़ कर रख दिया है। उनकी हर आवाज को जुल्म की ताकत के साथ दबाया जा रहा है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी का अभी तक इंसाफ नहीं मिल रहा। फिर बताओ कैसी खुशियां मना रहे हैं, परन्तु काले बादलों में से भी पातशाह अपने गुरसिखों को चमकती हुई आशा की किरण दिखा कर चढ़ती कला में रहने की ताकत देते हैं। 

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उन्होंने कहा कि इस पवित्र दिवस पर सभी को गुटबंदी की दूरियों को खत्म करने और राष्ट्रीय मतभेद भुलाने की जरूरत है। गुलामी से निजात पाने के लिए बंदी छोड़ दिवस से मार्गदर्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 25-30 वर्षों से जेलों में नजरबंद सिंहों बारे कहूंगा कि वे सिख सिद्धांतों के पहरेदार हैं। उन्होंने न तो पहले सिद्धांतों के साथ समझौता किया था और न अब करेंगे। इस मौके प्रो. बलजिन्दर सिंह के अलावा भाई महाबीर सिंह, सतनाम सिंह झंगियां और अन्य नेता मौजूद थे। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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