बंदी सिखों की रिहाई मामला, 15,000 आतंकवाद पीड़ित परिवारों के साथ बिट्टा उठाएंगे यह कदम

punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 03:26 PM (IST)

जालंधर (चोपड़ा) : ऑल इंडिया एंटी टैररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदर जीत सिंह बिट्टा ने कहा कि पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद के पैर पसारने को लेकर साजिशें रची जा रही हैं। विगत दिनों मोहाली में इंटेलिजेंस मुख्यालय पर राकेट लांचर से हमला, करनाल से भारी गोला-बारूद के साथ 4 आतंकवादियों का पकड़ा जाना, पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए आए दिन हथियार गिराए जाने तथा आर.डी.एक्स. का आना, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में सिस्टम वही है, केवल राजनीतिक चेहरे बदले हैं। सभी को अलगाववादी ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।

एक पत्रकार वार्ता में बिट्टा ने कहा कि एस.जी.पी.सी. और कुछ सिख जत्थेबंदियां बंदी सिखों को छोड़ने की मांग कर रही हैं। गत दिनों अमृतसर में एक प्रस्ताव पास करके कहा गया कि जब तक बंदी सिखों की रिहाई नहीं हो जाती तब तक संघर्ष किया जाएगा, लेकिन पंजाब में आतंकवाद के काले दौर में 36,000 बेकसूरों और 19,000 हिंदुओं के कत्लेआम में शामिल लोगों को सिख बंदी कैसे माना जा सकता है। जैसे हालात चल रहे हैं, आगे भी जो पकड़े जाएंगे, क्या वे भी बंदी सिख होंगे?

उन्होंने कहा कि सिख कैदियों में शामिल कहे जाने वाले भाई दविन्द्रजीत सिंह भुल्लर को छोड़ने की मांग हो रही है जिसने कई जवान और बेकसूर लोगों को शहीद किया। मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अब इस तरह की मीटिंगों से आम लोगों को भड़काया जा रहा है। वह 3 महीनों तक देखेंगे, अगर ऐसा प्रचार बंद न हुआ तो 15,000 आतंकवाद पीड़ित परिवारों को साथ लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे ताकि सच सामने आ सके कि आखिर आतंकवादियों के केसों में 1-1 घंटे की 20-20 लाख रुपए फीस लेने वाले वकीलों को फंडिंग कौन करता आ रहा है?

बिट्टा ने कहा कि आज एक बार फिर राज्य में युवाओं को भड़काया जा रहा है, आतंकवाद पैर पसारने की कोशिश कर रहा है। परंतु पंजाब में न खालिस्तान बना है और न ही लोग कभी बनने देंगे। उन्होंने चेताया कि अगर एक बार फिर कंट्रोल हाथ से निकल गया तो फिर काबू में नहीं आएगा। बिट्टा ने सिख संस्थानों से अपील की कि वे गुरु महाराज के सच्चे धर्म को प्रफुल्लित कर मानवता की भलाई के कामों के अलावा धार्मिक स्कूल, कालेज व यूनिवर्सिटियां स्थापित करें न कि सिख कैदियों की रिहाई के नाम पर बड़े-बड़े वकीलों की लाखों रुपए की फीसों के लिए गोलक का इस्तेमाल किया जाए। इस अवसर पर प्रदेश प्रधान अनिल शर्मा, ऑल इंडिया एंटी टैररिस्ट फ्रंट के जिला प्रधान जगजीत सिंह लक्की, लाली भास्कर, धीरज सोनू, बलविंदर सिंह पिंका, सुमित बजाज, जगजीत सिंह जग्गी व अन्य मौजूद थे।

पंजाब में धर्म परिवर्तन के मामले सबसे अधिक, इस पर कोई बात नहीं करता
बिट्टा ने कहा कि पंजाब में धर्म परिवर्तन के मामले सबसे अधिक हैं पर उसके खिलाफ कोई बात नहीं करता। राजनीतिक पार्टियां केवल वोट बैंक की राजनीति के चलते तुष्टीकरण कर रही हैं और इसके लिए विदेशी फंडिंग हो रही है। बिट्टा ने खालिस्तान की मांग कर रहे लोगों से खालिस्तान का मतलब पूछते हुए कहा कि आज पंजाब रह कितना गया है, पहले पंजाबी राज्य, फिर हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान और जम्मू का हिस्सा पंजाब से अलग कर दिया गया। अब क्या बचे पंजाब को भूखे-नंगे पाकिस्तान से मिलाना चाहते हो।

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News Editor

Urmila