रिलायंस ग्रुप के जिम्मे होगा कम्पनी बाग की देख-रेख का काम

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2019 - 10:51 AM (IST)

जालंधर(खुराना): शहर के बीचों-बीच स्थित तथा अंग्रेजों के जमाने का भव्य पार्क कम्पनी बाग जल्द ही देश के सबसे बड़े कारोबारी संस्थान रिलायंस ग्रुप के हवाले हो सकता है, क्योंकि रिलायंस कम्पनी के प्रतिनिधियों ने निगम आकर कम्पनी बाग को मैन्टेन करने का काम लेने में दिलचस्पी दिखाई है और कम्पनी के प्रतिनिधि तो एग्रीमैंट की कॉपियां तक लेकर गए हैं। गौरतलब है कि इन दिनों कम्पनी बाग की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है, क्योंकि इसे निगम खुद मैन्टेन कर रहा है। कुछ माह पहले निगम ने इसकी देखभाल की जिम्मेदारी पटेल अस्पताल को सौंपी थी, परंतु सिविल वर्क तथा कुछ अन्य शर्तों को लेकर यह करार सिरे नहीं चढ़ा और पटेल अस्पताल ने कम्पनी बाग की सम्भाल का काम अपने हाथों में लेने से पहले ही अपने कदम पीछे खींच लिए।

बेकार हो चुका है करोड़ रुपए से लगा फव्वारा
अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान आज से करीब 3-4 साल पहले कम्पनी बाग का पूरी तरह कायाकल्प किया गया था और इस काम पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जिनमें से एक म्यूजिकल फव्वारा लगाया गया था, जिस पर करीब 1 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई थी। अब यह फव्वारा कबाड़ में परिवर्तित होता जा रहा है। दूसरा छोटा फव्वारा भी लगभग खराब हो चुका है और कम्पनी बाग में लैंडस्केपिंग का काम भी उजड़ चुका है।

हर मेयर ने किया है कम्पनी बाग पर एक्सपैरिमैंट
देखा जाए तो ऐतिहासिक कम्पनी बाग पर कई प्रयोग किए जा चुके हैं और तकरीबन हर मेयर ने इस पर एक्सपैरिमैंट अवश्य किया है। पहले कम्पनी बाग की एंट्रैंस पर मिल्क बार हुआ करता था और लोग निगम की लाइब्रेरी के निकट से इसमें प्रवेश करते थे। यहां खजूरों के बड़े-बड़े पेड़ लगे होते थे। एक समय तो ऐसा भी था जब कम्पनी बाग में आम, जामुन, अमरूद, लीची जैसे फल भी लगा करते थे और तब यह पार्क के रूप में खूब हरा-भरा हुआ करता था। एक मेयर ने कम्पनी बाग पर अपना प्रयोग करते हुए इसके बीचों-बीच एक नहर-सी निकाल दी और उसमें पानी छोड़ कर इसे नई लुक दी। दूसरे मेयर ने आकर इस नहर में मिट्टी भरवा दी और नए सिरे से इसकी लैंडस्केपिंग की। 

उसके बाद कम्पनी बाग का मेन स्वरूप तब बदला, जब निगम की नई बिल्डिंग बनी। तब इसमें कांट-छांट भी की गई और सीधा रास्ता भी निकाला गया। उसके बाद सुनील ज्योति के कार्यकाल में 5 करोड़ रुपए खर्च कर इसे बिल्कुल ही नया रूप दे दिया गया और महंगे फव्वारे तथा सजावटी सामान लगाया गया। यह अलग बात है कि देखभाल के अभाव के चलते आज कम्पनी बाग पर लगा करोड़ों रुपया बर्बाद हो चुका है।

कई साल प्राइवेट ठेकेदारों के हवाले रहा कम्पनी बाग
निगम ने कम्पनी बाग पर 5 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद इसकी देखभाल का काम टैंडर निकाल कर प्राइवेट ठेकेदारों को देना शुरू कर दिया, जिस पर निगम करीब 30 लाख रुपए साल के खर्च करता रहा। ठेकेदारों ने कम्पनी बाग से खूब कमाई की और धीरे-धीरे कम्पनी बाग का आकर्षण कम होता चला गया। अब निगम का मानना है कि अगर रिलायंस जैसा ग्रुप महीने का करीब एक या सवा लाख रुपए खर्च करे तो इसे बेहतर ढंग से मैन्टेन किया जा सकता है। अब देखना है कि जालंधर निगम तथा रिलायंस ग्रुप का करार कब सिरे चढ़ता है। अगर यह एग्रीमैंट हो जाता है तो उजड़ रहे कम्पनी बाग को नई लुक मिल सकती है।

Edited By

Sunita sarangal