Phone का ज्यादा करते हैं Use तो हो जाएं सावधान, हैरान कर देगी ये Report
punjabkesari.in Thursday, Nov 28, 2024 - 02:13 PM (IST)
सुल्तानपुर लोधी : अगर मोबाइल पर चलने वाले व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर की बात करें तो इनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि लोग सोच भी नहीं सकते। लगातार मोबाइल फोन की स्क्रीन से जुड़े रहने से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ने लगा है। खासकर आंखों की रोशनी पर इसका असर धीरे-धीरे देखने को मिल रहा है। 24 मार्च 2020 के दिन हमारे देश में कोरोना महामारी के कारण पहली बार लॉकडाउन लगाया गया, उस दिन हमारे लिए घर पर बैठना अनिवार्य हो गया और स्कूल बंद होने के कारण स्कूल की कक्षाएं भी ऑनलाइन होने लगीं और बच्चे 6 से 8 घंटे तक मोबाइल स्क्रीन से जुड़े रहें।
इसके बाद मोबाइल का प्रचलन बढ़ गया है। दूसरा, जब छोटा बच्चा रोटी नहीं खाता और दूध नहीं पीता तो मां उसे डांटने की बजाय फोन पर कार्टून दिखाने लगती है। अब 3 साल का बच्चा सारा दिन मोबाइल से खेलता है। मां की यह छोटी सी लापरवाही भविष्य में बच्चों की सेहत पर भारी असर डालती है। अगर भारत की बात करें तो मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से करीब 27 करोड़ लोगों की आंखें प्रभावित हुई हैं।
मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल शरीर के लिए नुकसानदेह
डॉ. हरप्रीत सिंह का कहना है कि मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल शरीर के लिए हानिकारक है। इसलिए अगर आप इसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें तो आप अपनी आंखों की रोशनी को कमजोर होने से बचा सकते हैं, वहीं मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल न सिर्फ आंखों को बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों को भी परेशान कर सकता है।
बिना किसी कारण मोबाइल का प्रयोग करने से बचे
डॉ. गुरदेव सिंह कहते हैं कि ये बात हम भी समझते हैं कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा नहीं है लेकिन क्या करें सारा कारोबार मोबाइल से जुड़ा है और बच्चों की पढ़ाई भी मोबाइल से जुड़ी है लेकिन फिर भी कोशिश करें तो बेवजह मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
हमें बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए प्रयास करने होंगे
एस.डी.ओ. गुरदीप सिंह का कहना है कि छोटे बच्चे को यह नहीं पता होता कि मोबाइल क्या होता है, लेकिन हम अपनी सुविधा को देखते हुए बच्चे को मोबाइल फोन देते हैं, ताकि बच्चा मोबाइल फोन पर व्यस्त रहे। अगर हम प्रयास करें तो बच्चों को इससे दूर रखा जा सकता है।
हमने मोबाइल को हर कार्य के लिए जरूरी बना दिया
राजबीर सिंह टाइगर कहते हैं कि जब मोबाइल फोन का चलन नहीं था तो क्या हमारे बच्चे पढ़ाई नहीं करते थे, अब हमने हर काम में मोबाइल जरूरी कर दिया है। अगर हम अपने बच्चों को मोबाइल पर कार्टून नहीं दिखाएंगे तो क्या वे रोटी नहीं खाएंगे। बच्चा तो रोटी खा लेगा लेकिन उसके लिए माता-पिता को मेहनत करनी पड़ेगी।
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