राइस मिल धान घोटाला : विजीलैंस ने फूड सप्लाई दफ्तर में दी औचक दबिश

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 08:31 AM (IST)

अमृतसर (नीरज,इन्द्रजीत): जंडियाला गुरु स्थित करोड़ों के धान घोटाले में आखिरकार विजीलैंस विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। सी.एम. ऑफिस की तरफ से जहां करोड़ों रुपयों के धान घोटाले के मामले में डी.एफ.एस.सी. ए.पी. सिंह को सस्पैंड कर दिया गया था तो वहीं विजीलैंस विभाग को इस सारे मामले की जांच करने के आदेश दिए थे। लेकिन विजीलैंस विभाग की टीम को लगातार 10 दिनों तक इस मामले से दूर ही रहने दिया गया और खुद फूड सप्लाई विभाग के उच्चाधिकारी ही इस मामले की जांच में लगे रहे। करोड़ों रुपयों की धान गायब होने के एवज में करोड़ों रुपयों का चावल रिकवर करने का दावा किया जा रहा है जो काफी हास्यास्पद के अलावा कई तरह से रहस्यमयी भी बन चुका है, लेकिन अब विजीलैंस विभाग की टीम ने अपना काम शुरू कर दिया है। इससे फूड सप्लाई विभाग सहित अन्य कई विभागों के अधिकारियों में अफरा-तफरी का माहौल है, क्योंकि विजीलैंस विभाग हर उस एंगल से जांच करेगा, जिसको फूड सप्लाई विभाग की जांच टीम ने नजरअंदाज कर दिया है।

जानकारी के अनुसार विजीलैंस विभाग के डीएसपी तेजिन्दर सिंह की टीम ने फूड सप्लाई विभाग में दबिश दी और जंडियालागुरु धान घोटाले का रिकार्ड मांगा, लेकिन विभाग की तरफ से विजीलैंस टीम को रिकार्ड नहीं दिया गया और 1 दिन का समय मांगा गया है। विजीलैंस विभाग के डायरैक्टर नागेशवर राव के अनुसार विभाग इस मामले की पूरी गहराई के साथ जांच करेगा और हर पहलू को जांचा जाएगा ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाए।

क्या है फूड सप्लाई विभाग का दावा
-विभाग का दावा है कि उसने भगतांवाला सैन्ट्रल वेयर हाउस के गोदाम में 5400 बोरी चावल रिकवर किया है, जो सरकारी धान से बनाया गया है। हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस की तरफ से किसी के खिलाफ पर्चा दर्ज नहीं किया गया है।
-वीरुमल मुलखराज राइस मिल में पड़ा धान भी उनका है, जबकि पंजाब वेयरहाउस भी यही दावा कर रहा है।
-उसने पांच और गोदाम सील किए हैं जिसमें करोड़ों रुपयों का चावल रिकवर किया गया है। यह चावल गायब हो चुकी सरकारी धान से बनाया गया है।
-विभाग की तरफ से बैंकों को भी नोटिस जारी किया गया है कि बैंक ने सरकारी धान पर लोन कैसे दे दिया?
-दूसरी तरफ पंजाब वेयर हाउस का दावा है कि वीरुमल रराइस मिल में पड़ा धान उनका है। वेयरहाउस का दावा है कि उन्होंने सारे माल की वीडियोग्राफी भी करवाई हुई है।
-पंजाब वेयरहाउस के हैडक्वार्टर की टीम भी विभाग के दावे से संतुष्ट है।

विजीलैंस विभाग के सामने यह हैं जांच के पहलू
-विजीलैंस विभाग के सामने जांच का पहलू यह है कि 1 अरबों रुपए की डिफाल्टर राइस मिल को करोड़ों रुपयों का सरकारी धान कैसे दे दिया गया।
- फूड सप्लाई विभाग ने जब वीरुमल राइस मिल को सरकारी धान मिलिंग के लिए दिया तो क्या उसकी वीडियोग्राफी करवाई गई, क्या विभाग व राइस मिल में एग्रीमेंट किया गया, साइट प्लान बनाया गया, चक्कों पर नंबर व टैग लगाए गए या नहीं?
-विजीलैंस विभाग के समक्ष यह भी जांच का विषय है कि जब विभाग के ही ए.एफ.एस.ओ. व इंस्पैक्टरों ने लिखित रूप से कह दिया था कि वीरुमल राइस मिल को सरकारी धान न दी जाए तो डी.एफ.एस.सी. ने सरकारी धान क्यों दिया?
-अजनाला के इंस्पैक्टर व अन्य अधिकारी को वीरुमल राइस मिल का चार्ज क्यों दिया गया?
-विभाग रिकवरी के रूप में करोड़ों रुपयों का चावल पेश कर रहा है, जबकि घपला 32 करोड़ रुपए की धान का हुआ है?
-एक अधिकारी की तरफ से वीरुमल राइस मिल में 15 मार्च को सारा धान पूरा होने की बात कही गई थी, इसमें कितना दम है?
-अमृतसर से सस्पैंड हो चुके और बाहरी जिलो में तैनात कुछ कर्मचारी वीरुमल राइस मिल में क्या कर रहे थे, जब हैडक्वार्टर से टीम आई थी?
-आखिरकार बैंकों ने 15 से 20 करोड़ की प्रापर्टी पर वीरुमल मुलखराज राइस मिल को अरबों रुपए का लोन कैसे दे दिया?

Anjna