राज्य सरकार शैलर इंडस्ट्री पर डाल रही नाजायज बोझ: राइस मिलर्स

punjabkesari.in Monday, Sep 10, 2018 - 08:52 AM (IST)

जालंधर(गुलशन): पंजाब राइस मिलर्स एसो. ने कहा कि राज्य सरकार नई कस्टम मिलिंग पॉलिसी लागू करके शैलर इंडस्ट्री पर अवैध बोझ डाल रही है। पिछले कई दशकों से इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों पर अब नई नीतियां लागू कर उन्हें बेवजह उलझाया जा रहा है, जिससे उनका काम करना मुश्किल हो जाएगा। 

जालंधर में एक विशेष भेंटवार्ता के दौरान राइस मिलर्स एसो. पंजाब के प्रधान ज्ञानचंद भारद्वाज,सीनियर वाइस प्रधान सत्य प्रकाश गोयल, सोमपाल सिंगला, जनरल सैक्रेटरी अश्विनी कुमार, जालंधर डिवीजन के प्रधान प्रवीण जैन आदि ने कहा कि बैंक गारंटी और सिब्बल जैसी शर्तें किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं की जाएगी। पिछले दिनों खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु के साथ हुई एक मीटिंग में एसो. ने उन्हें अपने सुझाव दिए थे लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी मांगों व सुझावों को गंभीरता से नहीं लिया है।

इसी के रोष स्वरूप राइस मिलर्स एसो. पंजाब ने गत दिवस संगरूर में एक राज्य स्तरीय मीटिंग की जिसमें 1500 से ज्यादा शैलर मालिक उपस्थित हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर सरकार बैंक गारंटी और सिब्बल जैसी शर्तों को खत्म व उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती तब तक कोई भी शैलर मालिक अपने शैलर में धान स्टोर नहीं करवाएगा।

एसो. के पदाधिकारियों ने कहा कि शैलर इंडस्ट्री का पिछले 4 वर्षों का करीब 1500 करोड़ रुपया एजैंसियों की तरफ बकाया है। हैरानी की बात है कि लेनदारों से ही बैंक गारंटी और सिब्बल का रिकार्ड मांगा जा रहा है। ऐसा पिछली किसी भी सरकार ने नहीं किया। भारद्वाज ने कहा कि अगर पिछले समय में इक्का-दुक्का शैलर मालिकों ने हेराफेरी की है तो उसकी सजा पूरी शैलर इंडस्ट्री को क्यों दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना कोई भी शैलर मालिक हेराफेरी नहीं कर सकता, इसके लिए अधिकारी भी गुनाहगार हैं। इस मामले  की गहराई से जांच करवाई जाए और जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कैप्टन सरकार से मांग की है कि पिछली कस्टम मिङ्क्षलग पॉलिसी को ही तुरंत लागू किया जाए।   

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