कस्टम मिलिंग पॉलिसी के खिलाफ राइस मिलर्स एसो. ने की मीटिंग

punjabkesari.in Thursday, Sep 06, 2018 - 12:21 AM (IST)

जालंधर (गुलशन): साल 2018-19 की कस्टम मिलिंग पॉलिसी के खिलाफ पंजाब के विभिन्न जिलों के राइस मिलर्स ने बुधवार जालंधर में एक हंगामी मीटिंग की जिसमें राइस मिलर्स ने सरकार की पॉलिसी के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जो नई पॉलिसी बनाई जा रही है, वह शैलर मालिकों को परेशान करने वाली है। इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि जो पॉलिसी पिछले साल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में बनाई गई थी, उसी पॉलिसी को दोबारा से बहाल किया जाए। शैलर मालिकों ने कहा कि मिलर्स पर 5 प्रतिशत बैंक गारंटी और सिब्बल लगाया जा रहा है। इस नादिरशाही फरमान को तुरंत वापस लिया जाए।

शैलर मालिकों ने कहा कि जालंधर डिवीजन के राइस मिलर्स के पास आधुनिक मशीनरी, ड्रायर और सोलटैक्स मौजूद हैं। सभी मिलर्स पुराने और तजुर्बेकार भी हैं। 31 मार्च तक मिलिंग भी 99.8 प्रतिशत कर दी जाती है। शैलर मालिकों ने कहा कि एक आदमी के पीछे पूरे पंजाब के मिलर्स को चोर समझना ठीक नहीं है। डिवीजन के मिलर्स की पिछले 10 साल की परफॉर्मैंस देखकर ही धान को उठाने दिया जाए। मीटिंग में शामिल कपूरथला, अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर, तरनतारन इत्यादि के राइस मिलर्स ने कहा कि हमारे जिलों की धान मालवे के लोग ले जाते हैं। मिलर्स ने पंजाब सरकार से मांग करते हुए कहा कि पहले इन जिलों के मिलर्स को धान पूरा करके 1 नवम्बर 2018 के बाद आर.ओ. काटे जाएं।

मिलर्स ने कहा कि वह सरकार को पूरा सहयोग करेंगे। बशर्ते कि हमारी मुश्किलों बारे भी सोचा जाए। इस मौके पर गुरदासपुर से हरप्रीत माहल, अमृतसर से मोनूू अरोड़ा, तरनतारन से अवतार तनेजा, होशियारपुर से अजीत, जालंधर से प्रवीण जैन, शाहकोट सेे सतीश, फगवाड़ा से जयपाल आदि मौजूद थे। 

Des raj