अकाली-भाजपा सरकार द्वारा लागू सेवा का अधिकार कानून बदलेगा

punjabkesari.in Thursday, Mar 29, 2018 - 10:47 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): राज्य में पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए सेवा का अधिकार कानून को बदलने के लिए ‘द पंजाब ट्रांसपेरैंसी एंड अकाऊंटेबिल्टी इन डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस’ बिल पेश किया गया, जिसे विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया है। इसके लागू होने के बाद सरकारी सेवाओं को तय समय सीमा के भीतर दिया जाएगा और अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा ताकि इससे सेवाओं में पारदर्शिता बढ़े। सदन में बिल पेश करते हुए मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के लोगों को सरकारी सेवाएं देने और सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए यह प्रस्तावित बिल काफी अहम भूमिका निभाएगा। इस बिल के जरिए सेवा का अधिकार एक्ट 2011 को रिप्लेस किया जाएगा।

 

विधायक सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने एक न्यूज चैनल को बंद किए जाने का मामला उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया की आजादी का वायदा किया गया था, उसके बावजूद ऐसा हुआ है, जिसके खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए। आप विधायक कंवर संधू ने कहा कि इस तरह की ही कार्रवाई के वह खुद भुक्तभोगी रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बदलने पर लगा था कि टी.वी. माफिया पर अंकुश लगेगा और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा शुरुआती महीनों में उठाए गए कदमों से लगा था कि कुछ होगा लेकिन बाद में सब कुछ ठंडा पड़ गया है।

 


 उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ कि कार्रवाई रुक गई। हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया लेकिन बिल पर और बोलने की इजाजत न मिलने पर आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा वॉकआऊट कर दिया गया। 

 

 

मुख्यमंत्री ने दिए फास्टवे के खिलाफ जांच के आदेश
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने किसी भी तरह की मीडिया सैंसरशिप खिलाफ अपनी सरकार के स्टैंड को दोहराते हुए एक टी.वी. चैनल को बंद करने के मामले की शिकायत के संबंध में फास्टवे नैटवर्क के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेसी विधायक सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने यह मामला विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था। उन्होंने इसको मीडिया की आजादी पर हमला बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। ‘आप’ के कंवर संधू ने भी रंधावा की मांग का समर्थन किया था। सरकार द्वारा ऐसी किसी भी तरह की मीडिया सैंसरशिप को बर्दाश्त न करने का जिक्र करते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये ऑप्रेटर मीडिया की आवाज दबाने के लिए ऐसी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं जो बर्दाश्त नहीं होगा।

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