उम्रां विच्च की रख्यां: बुजुर्ग महिला नंबरदार के जज्बे को सलाम, 56 वर्ष की उम्र में पास की 12वीं की परीक्षा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 22, 2020 - 08:21 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): लोग सही कहते है कि पढ़ने-लिखने की कोई उम्र सीमा नही होती है बस इन्सान के अंदर इच्छा शक्ति मजबूत होनी चाहिए। वैसे लोग कहते है उम्र के ढलाव आने पर बुजुर्गों को आराम करना चाहिए लेकिन होशियारपुर जिले के बोहण गांव की 56 वर्षीया नंबरदार मंजीत कौर ने अपनी जिद, जज्बा व जुनून के जरिए अपने सपने को साकार करने की दिशा में पहली बाधा पार कर ली है। कल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से घोषित बारहवीं की परीक्षा में 56 वर्षीया मंजीत कौर ने बढिय़ां अंक हासिल कर बारहवीं की परीक्षा पास कर ली है। मंजीत कौर को मिली इस सफलता पर गांव के लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं वहीं सभी उनके जज्बे को सलाम भी कर रहें हैं।

अब वकालत करने के सपने को करूंगी साकार
बोहण गांव में अपनी सफलता पर खुशी से गदगद मंजीत कौर ने बताया कि वह गांव की नंबरदार होने की वजह से अक्सर कोर्ट व तहसील में जाया करती है। एक दिन किसी अनपढ़ बुजुर्ग को परेशान देख मन में ठान लिया कि वह एकदिन वकालत कर कचहरी में लोगों की सेवा करूंगी। मुझे खुशी है कि बारहवीं करने के बाद अब बी.ए. की पढ़ाई करने के बाद वकालत की पढ़ाई पूरी कर अपने सपने को साकार करना मेरा लक्ष्य है।

स्कूल में अध्यापकों ने दिया पूरा सहयोग
नंबरदार मंजीत कौर ने बताया कि इस उम्र में जब महिलाएं नाती व पोते पोतियों के साथ खेला करती है तो स्कूल जाना कैसा लगेगा। लोग क्या कहेंगे, इसकी तरफ मैने कभी सोंचा ही नहीं। जब जिद ठान ली तो सीधे स्कूल पहुंच अपना नामांकन करवा लिया व पढ़ाई में पूरे मनोयोग से जुट गई। स्कूल के प्रिंसीपल ही नहीं बल्कि सभी अध्यापक व अध्यापिकाओं के साथ साथ बच्चों ने भी पढ़ाई में मुझे भरपूर सहयोग किया। यह इसी का परिणाम है कि वह अपनी सफलता के रास्ते में पहली बाधा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पास कर ली है।


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Edited By

Tania pathak

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