संयुक्त समाज मोर्चा के सी.एम. चेहरे राजेवाल के लिए आसान नहीं चुनावी सफर

punjabkesari.in Monday, Jan 31, 2022 - 10:20 AM (IST)

समराला (गर्ग): कृषि कानूनों को वापस करवा कर दिल्ली मोर्चा फतह करने वाले प्रमुख किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल संयुक्त समाज मोर्चा (एस.एस.एम.) का गठन कर 22 किसान जत्थेबंदियों की हिमायत के साथ पंजाब के चुनाव मैदान में उतरे हैं, लेकिन चुनावों में जीत प्राप्त करने का रास्ता उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है। पंजाब की 117 सीटों पर चुनाव लड़ रहे संयुक्त समाज मोर्चा के प्रधान और पार्टी की तरफ से ऐलान किए गए मुख्यमंत्री के चेहरे राजेवाल खुद समराला सीट से चुनाव मैदान में है और यहां उन्हें विरोधियों की तरफ से कड़ी टक्कर दी जा रही है।

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चुनाव जीतने के लिए मजबूत टीम और कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी
इलाके के कई गांवों में जहां राजेवाल चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं, वहां किसान तथा अन्य लोग जलसे में उनकी स्पीच सुनने के लिए जुट तो रहे हैं लेकिन कई किसानों का यही विचार है कि जीत का रास्ता अभी बहुत दूर है। पंजाब की रिवायती पार्टियों कांग्रेस और अकाली दल को राज्य की राजनीति में से बाहर करने के लिए सिर्फ एक महीना पहले ही राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में आए संयुक्त समाज मोर्चे को आम आदमी पार्टी से भी कड़ी टक्कर मिल रही है।

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यदि समराला सीट की बात की जाए तो यहां राजेवाल अपने चुनाव दफ्तर के उद्घाटन उपरांत यह बात खुद ही कबूल कर रहे हैं कि हमने चुनाव मुहिम थोड़ी देरी के साथ शुरू की है और हम नए भी हैं, साथ ही हमारे पास निचले स्तर तकदूसरी पार्टियों की तरह मजबूत काडर भी नहीं है, परंतु फिर भी लोगों का बड़ा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने चुनाव निशान मिलने में हो रही देरी के लिए चुनाव कमीशन की निष्पक्षता पर सवाल भी उठाया और साथ ही दूसरी राजनीतिक पार्टियों की साजिश भी करार दिया, ताकि एस. एस. एम. को चुनाव मैदान में से हटाया जा सके। 

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राजेवाल ने आम आदमी पार्टी पर अफवाहों को फैलाने के आरोप लगाए। उनसे पूछा गया कि राजनीति में आने पर किसान भाईचारा ही उनकी आलोचना कर रहा है, तो उन्होंने कहा कि हम सिर्फ व्यवस्था को ठीक करने के लिए ही राजनीति में आए हैं और जिस तरह 70 सालों से राजनीतिक नेता भ्रष्यचार कर अपने खजाने भरने में लगे हुए हैं, उन पर रोक लगानी चाहिए। 

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समराला और श्री माछीवाड़ा साहिब की अनाज मंडी के समूह आवृत्तियों ने जिस तरह पार्टीबाजी से ऊपर उठकर राजेवाल को अपनी हिमायत दी है, उसने उनको चुनाव मुहिम को बड़ी मजबूती तो प्रदान की है, लेकिन इसके उलट किसान नेता जगजीत सिंह उल्लेवाल की जत्थेबंदी बी.के.यू. एकता (सिद्धपुर) जिसका इलाके में मजबूत आधार है, उन्होंने अपने आप को चुनाव सरगर्मियों से बाहर रखने का फैसला लिया है, उसके साथ राजेवाल की चुनाव मुहिम को नुक्सान जरूर पहुंचेगा।
 कुल मिलाकर अब तक की स्थिति तो यही नजर आ रही है कि राजेवाल को समराला सीटजीतने के लिए अभी काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।

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News Editor

Kalash

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