जालंधर सीट को लेकर सभी शंकाओं पर केन्द्रीय नेतृत्व ने लगाया विराम

punjabkesari.in Friday, Apr 12, 2019 - 09:09 AM (IST)

जालंधर (धवन): जालंधर लोकसभा सीट को लेकर पिछले कुछ समय से चली आ रही सभी शंकाओं पर आज कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने विराम लगा दिया है। पिछले कुछ दिनों से पूर्व सांसद मोहिन्द्र सिंह के.पी. भी जालंधर की टिकट को रिव्यू करने की मांग कर रहे थे, जिसे आज केन्द्रीय नेतृत्व ने खारिज कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई उच्च स्तरीय बैठक में जालंधर सीट पर चर्चा तक नहीं की गई। इस तरह अब कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में मौजूदा सांसद चौधरी संतोख सिंह ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। 

कांग्रेसी सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय नेतृत्व इस कठिन समय में किसी प्रकार का जोखिम उठाने के पक्ष में नहीं था। अगर वह जालंधर सीट को रिव्यू करता तो पंजाब की अन्य सीटों पर भी अन्य कांग्रेसी नेता रिव्यू करने की मांग करना शुरू कर देते। केन्द्रीय नेतृत्व की बैठक में मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह व पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद रहे। चौधरी संतोख सिंह जिन्होंने अपना चुनावी अभियान शुरू किया हुआ है, वह अपना नामांकन पत्र 22 अप्रैल को भरेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह विशेष रूप से नामांकन पत्र भरने के समय मौजूद रहेंगे। कांग्रेसी सूत्रों ने यह भी बताया कि के.पी. की मांग पर इसलिए भी चर्चा नहीं की गई, क्योंकि इससे पार्टी में अनुशासनहीनता को बल मिलता।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसी भी दबाव में काम करने के आदी नहीं हैं, इसीलिए राहुल गांधी ने अभी तक के.पी. को मिलने का समय भी नहीं दिया था। राहुल गांधी की व्यस्तताएं इतनी अधिक थीं कि आज भी वह रायबरेली से देरी से दिल्ली पहुंचे जिस कारण जो बैठक शाम 6 बजे शुरू होनी थी वह रात 8 बजे शुरू हुई। कै. अमरेन्द्र सिंह पूरी तरह से चौधरी संतोख सिंह का समर्थन कर रहे थे। पिछले दिनों जब के.पी. कैप्टन से भी मिले थे तो उन्होंने के.पी. को पार्टी संगठन में एडजस्ट करवाने का भरोसा दिया था। चौधरी संतोख सिंह ने केन्द्रीय कमेटी की बैठक सम्पन्न होने के बाद कहा कि जालंधर सीट कभी भी रिव्यू की स्थिति में डाली नहीं गई थी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें उम्मीदवार बनाने से पहले जमीनी हकीकतों को देख लिया था। उन्होंने कहा कि वह अब भी यही चाहते हैं कि कांग्रेस मिल कर चुनाव लड़े, क्योंकि केन्द्र में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है।  

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