''SC एक्ट मुद्दे को आम चुनाव में भुनाना चाहती है मोदी सरकार''

punjabkesari.in Friday, May 11, 2018 - 04:48 PM (IST)

चंडीगढ़: नेशनल शेड्यूल्ड कास्ट्स अलाइंस (एनएससीए) ने आज आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की अगवाई वाली केंद्र सरकार जानबूझकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के मुद्दे को लटकाना और आगामी लोकसभा चुनाव में इसे भुनाना चाहती है। एनएससीए के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ही अनुसूचित जातियों के लोगों और समाज के अन्य हिस्सों के बीच देश में बिगड़ रही स्थिति के लिए जिम्मेदार है।  

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लंबे समय से अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान कर रही है और हालत नियंत्रण से बाहर हो रही है। उन्होंने कहा कि हिंसा, सामाजिक बहिष्कार, अपराध ,ध्रुवीकरण, भेदभाव इत्यादि पूरे भारत में अनुसूचित जाति के भाईचारे के लिए भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली व गलत नीतियों के नतीजे हैं।  श्री कैंथ ने कहा कि उनका संगठन 18 मई से रोपड़ से प्रदेश के विभागीय आयुक्तों के माध्यम से ज्ञापन देने का सिलसिला शुरू करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से सही समय पर केस की पैरवी न करने के कारण यह हालात पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री और विभागीय अधिकारियों की तरफ से मानयोग सुप्रीम कोर्ट में सही पक्ष रखने में असफल रहने के कारण कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद को इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अनुसूचित जाति के हितों को सुरक्षित रखने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विरोधी है तथा यह सिर्फ यही जानती है कि दलित कार्ड कैसे खेलना है।   उन्होंने कहा कि पंजाब में स्टैंड-अप इंडिया, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और अन्य कल्याणकारी को लागू करने में भी सरकार असफल साबित हो रही है। कैंथ ने आरोप लगाया कि किसी भी पार्टी के पास सामाजिक सशक्तिकरण के लिए कोई भी प्रोग्राम नहीं है। 

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