सिंचाई घोटाले की दलाली में चर्चित वरिष्ठ अधिकारी पर राशन,मास्क वितरण को लेकर उठी उंगलियां

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 01:21 PM (IST)

जालंधर (एन.मोहन): कोरोना वायरस संकट में पंजाब में हए बहु-करोड़ी सिंचाई स्कैंडल की भी फाइलें भी खंगलानी शुरू हो गई हैं। कोरोना संकट को लेकर पंजाब में संचालन करने वाले पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी खुद ही राहत सामग्री' पर संकट बन रहा है। ये वही चर्चित अधिकारी है जिस पर पंजाब में पूर्व की अकाली सरकार में हुए बहुचर्चित सिंचाई घोटाले में दलाली खाने का आरोप पंजाब विजीलैंस की फाइल में था। केंद्र सरकार द्वारा पंजाब में पीड़ित लोगों के लिए भेजी राहत सामग्री को कथित तौर पर स्टोरों में ही रखने के चलते उक्त वरिष्ठ अधिकारी का रिकार्ड खंगालने का कार्य अब एक केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा शुरू किया गया है।

 वास्तव में राहत सामग्री को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब के मध्य हुई तकरारबाजी के बाद ऐसा जांच कार्य शुरू हुआ है। पंजाब में राशन बांटने को लेकर संदेह वाली स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री की तरफ से राशन को लेकर उचित प्रबंध किए गए हैं। परन्तु सही मात्रा में - जीरकपुर के एक गोदाम में राशन वितरित नहीं हो रहा। पंजाब सरकार ने सामाजिक संस्थाओं को अपने स्तर पर राशन और लंगर बांटने पर पाबंदियां लगाई है। परन्तु उद्योगपतियों, बड़े व्यापारियों से चंदा अथवा राशन लेकर कुछ स्थानों पर अधिकारी इसे बंंटवा रहे है परन्तु राशन नहीं मिलने की शिकायतें भी कम नहीं। मास्क, दस्ताने इत्यादि के वितरण में भी स्थिति असमंजस वाली है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और पंजाब सरकार द्वारा राशन को लेकर हुई तकरारबाजी के बाद राशन को लेकर शिकायतें पंजाब से केंद्र सरकार के पास गई है। जिसके चलते सूई चर्चित वरिष्ठ अधिकारी की तरफ अटक गई है।

साढ़े 5 करोड़ की रिश्वत और कमीशन का खआने का लगा था आरोप

पूर्व की बादल सरकार के दौरान घटे सिंचाई घोटाले और अगस्त 2017 में इस संबंधी विजीलैंस द्वारा दर्ज किए केस में एक गवाही ठेकेदार गुरिंद्र सिंह की थी,जिसने विजीलैंस ब्यूरों को 27 एवीडैंस एक्ट के तहत बयान दिए थे कि उसने चंद लोगों के अतिरिक्त पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी को अपने बिल इत्यादि पास करवाने की एवज् में साढ़े 5 करोड़ रुपए की रिश्वत और कमीशन दी थी। ब्यूरो ने अदालत में कहा था कि इस घोटाले में वरिष्ठ अधिकारियों की जांच की जानी चाहिए , तब उक्त अधिकारी को प्रभावशाली विभाग से हटाकर किनारे लगा दिया गया था और ये अनौपचारिक रूप से कहा गया था कि ऐसे अधिकारी को किसी जिम्मेदार पद पर लगाना बिल्ली को दूध की रखवावली का कार्य देने जैसा हो। दिलचस्प बात यह है कि उक्त वरिष्ठ अधिकारी की विजीलैंस जांच भी नहीं हुई और उसका नाम भी दस्तावेजों में गायब है। पंजाब में उक्त अधिकारी के विरूद्ध केंद्र सरकार,सी.बी.आई व इफोरसमैंट डायरैक्टोरेट के पास शिकायत भी की गई है।

छोटे अधिकारी इस जुगाड़ी अफसर की नीति को लेकर भयभीत 
एक अधिकारी ने बताया कि वास्तव में उक्त चर्चित अधिकारी ने मुख्यमंत्री के साथ लगे वरिष्ठ अधिकारी को हटाने के लिए मुक़दमीन में वकील व अन्य को धन देने के लिए अधिकारीयों का इस्तेमाल किया था वरिष्ठ अधिकारी उनके कंधे पर बंदूक रख कर चला गया और उन्हें फंसा गया अब राशन वितरण,मास्क, और दस्तानों को लेकर भी छोटे अधिकारी वरिष्ठ अधिकारी की जुगाड़ी  नीति को लेकर परेशान है।

 

30 की कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जाएगा मामला 

जीरकपुर में अम्बाला चंडीगढ़ मार्ग में बने एक गोदाम में राशन भरा पड़ा है, परन्तु लोग राशन लेने के लिए गली गली भटक  रहे है पंजाब में  कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है जबकि हरियाणा में रिकवरी हो रही है इसकी वजह भी स्पष्ट बताई जा रही है कि योजनों को लागू करने में ईमानदारी कम है, जबकि मुख्यमंत्री, मंत्री इस बात को लेकर चिंतित है इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि अब ये मामला बैठक में उठाया जाएगा।


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