लिंग निर्धारण की सूचना देने वालों को ईनाम, 60 आरोपी गिरफ्तार, 14 मशीनें सील: सिद्धू

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 06:41 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने लिंग निर्धारण जांच करने वाले स्कैनिंग केंद्रों के खिलाफ शुरू किए गए एक अभियान के तहत अब 60 लोगों को गिफ्तार करने के अलावा 14 स्कैनिंग मशीनें भी सील की हैं। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहां जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार भ्रूण हत्या और लिंग निर्धारण जांच जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए एक विशेष रणनीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध रूप से जांच करने वाले ऐसे सभी केंद्रों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई की जा रही है।

उन्होंने बताया कि नवम्बर, 2018 से जून 2019 तक दोषियों के विरुद्ध कारर्वाई करते हुए अब 18 मामले दर्ज किए गए हैं और 60 आरोपियों को गिफ्तार किया गया है तथा 14 अल्ट्रासाउंड मशीनें सील की गई हैं। स्वास्थय मंत्री ने बताया कि ऐसे जांच केंद्रों तथा इस धंधे में संलिप्त लोगों का पता लगाने के लिए एक खुफिया एजेंसी के साथ समझौता भी किया गया है जिसने अब तक 19 स्टिंग ऑपरेशन किए हैं। उन्होंने बताया कि इस मुहिम में और तेजी लाने के लिए सरकार ऐसे केंद्रों की जानकारी और इनके खिलाफ मामला दर्ज होने पर फर्जी मरीज को एक लाख रूपए तथा सूचना देने वाले को 50 हजार रूपए ईनाम देती है जिसके बाद स्कैनिंग केंद्रों पर काफी हद तक अंकुश लगा है। लेकिन अभी भी इस माफिया के साथ जुड़े लोगों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है।

सिद्धू के अनुसार सरकार राज्य में लिंगानुपात सुधारने तथा लिंग निर्धारण जांच रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था शुरू करने जा रही है जिसके तहत कोई भी गर्भवती महिला चाहे वह निजी केंद्र अथवा सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराए लेकिन उसका पंजीकरण सबसे पहले सरकारी अस्पताल ही होगा। यह व्यवस्था ऑनलाईन भी उपलब्ध होगी। इसके बाद ही उस महिला को जांच और बच्चा सुरक्षा काडर् (टीकाकरण काडर्) जारी होगा जोकि किसी निजी अथवा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड कराते समय उसके पास होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस ऑनलाईन प्रक्रिया से जहां गर्भवती महिलाओं से सम्बन्धित सही जानकारी होगी वहीं स्कैनिंग केन्द्रों पर भी निगरानी रखना आसान होगा। 
 

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