शिरोमणि कमेटी प्रधान के साथ बातचीत के लिए कार्यकारी जत्थेदार तैयार

punjabkesari.in Saturday, Dec 24, 2016 - 10:03 AM (IST)

भटिंडा (स.ह.,मुनीश): कार्यकारी जत्थेदार पंथक मामले के हल के लिए बातचीत को तैयार हैं। इससे नए रास्ते और सम्भावनाएं बन सकती हैं। शिरोमणि कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बंडूगर ने पंथक एकता के लिए कार्यकारी जत्थेदार के साथ बातचीत करने की पहल की है। चमकौर साहिब में शहीदी जोड़ मेले में प्रो. बंडूगर ने सिख कौम की परेशानियों को दूर करने के लिए पंथक एकता का मुद्दा उठाया था। कार्यकारी जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल का कहना है कि यदि प्रो. बंडूगर बातचीत करना चाहते हैं तो वह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रो. बंडूगर किस मंशा से बातचीत करना चाहते हैं, यह देखना होगा। वह कभी बातचीत से पीछे नहीं हटे हैं। वह चाहते हैं कि सिख परम्पराओं को ठेस न पहुंचे और तख्त राजनीतिक दखलअंदाजी से मुक्त हो। 


दादूवाल ने कहा कि फिलहाल कमेटी प्रधान ने उनसे सम्पर्क नहीं किया है। कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड का कहना है कि वह तो शुरू से ही पंथक एकता के समर्थक रहे हैं। उधर सरबत खालसा द्वारा पंथ से निकाले गए बादल परिवार को फतेहगढ़ साहिब के शहीदों माता गुजरी कौर जी और साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी, साहिबजादा बाबा फतेह सिंह जी को श्रद्धांजलि भेंट करने का कोई हक नहीं है। यह बात सरबत खालसा द्वारा अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बलजीत सिंह खालसा दादूवाल और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार अमरीक सिंह अजनाला ने प्रैस बयान में कही।सरबत खालसा जत्थेदारों ने कहा कि बुर्ज जवाहर सिंह वाला से साहिब गुरु ग्रंथ साहिब के चोरी हुए स्वरूप, बरगाड़ी बेअदबी कांड और बहिबल कलां गोलीकांड को करीब डेढ़ वर्ष बीत चुका है लेकिन बादल सरकार ने अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। सभी घटनाओं के लिए बादल सरकार पूरी तरह आरोपी है। 


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