गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने पर बोले SGPC प्रधान धामी

punjabkesari.in Friday, Jun 17, 2022 - 02:31 PM (IST)

अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार द्वारा एक महीने की पैरोल देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह फैसला सरकार के दोहरे मापदंड का संकेत है। एडवोकेट धामी ने कहा कि एक तरफ सरकार सिख बंदियों को सजा काटने के बाद रिहा नहीं कर रही है, वहीं दूसरी तरफ रेप और हत्या जैसे गंभीर आरोप में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख को बार-बार जेल से रिहा किया जा रहा है, मंगवाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार ने सिख कैदियों को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार की द्वेष के कारण इसे पूरा नहीं किया गया। सिख संगठनों द्वारा बार-बार उठाए गए मुद्दों का सरकार कोई सार्थक जवाब नहीं दे रही है। डेरा मुखी जो सीधे तौर पर वर्ष 2015 में बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अनादर से संबंधित है। यह आदमी सिखों की धार्मिक भावनाओं का हत्यारा है और सरकार हमेशा दयालु रही हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा और केंद्र की भाजपा सरकार मिलकर राजनीतिक खेल खेल रही है।

एडवोकेट धामी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से पहले ही चुनावों के दौरान फरलो दे दी थी और अब संगरूर चुनाव के दौरान फायदा उठाने के लिए राम रहीम को फिर से पैरोल दे दी, जो पूरी तरह से गलत था। एस.जी.पी.सी. अध्यक्ष ने कहा कि सरकारों द्वारा राम रहीम को दिया गया संरक्षण सिख भावनाएं कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।  इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।

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News Editor

Urmila