शाहकोट चुनावः डेढ़ साल की बुरी कार्यप्रणाली के बावजूद मिली जीत ने कांग्रेस को किया अति उत्साहित

punjabkesari.in Friday, Jun 01, 2018 - 11:23 AM (IST)

जालंधर (रविंदर): कांग्रेस सरकार को प्रदेश की सत्ता में आए तकरीबन डेढ़ साल का समय बीत गया है। इस डेढ़ साल की कार्यप्रणाली से प्रदेश का कोई भी वर्ग सरकार से खुश नहीं है। चुनावों से पहले जनता से लोक-लुभावन वायदे करने वाली कांग्रेस एक भी वायदा पूरा नहीं कर पाई है। 

 

सबसे ज्यादा गुस्से व आक्रोश में प्रदेश का युवा वर्ग है। न तो प्रदेश से नशे का खात्मा हो सका है, न ही युवाओं को कोई रोजगार मिल पाया है।  प्रदेश का व्यापारी वर्ग भी सरकार की नीतियों से परेशान है। लगातार बढ़ रहे बिजली के रेटों व लंबे-लंबे कटों से आम वर्ग भी सरकार से बेहद खफा दिखाई दे रहा है। सरकारी मुलाजिमों को समय पर तनख्वाह भी नहीं मिल पा रही है और प्रदेश में विकास का हर काम रुका हुआ है। 

 

विधायकों को विकास फंड नहीं मिल रहे हैं और न ही किसी नई योजना पर कोई काम हो रहा है। यहां तक कि पिछले 8 साल से नैशनल हाईवे का काम लगातार लटक रहा है। प्रदेश सरकार जरा सी भी इस काम को लेकर उत्सुकता नहीं दिखा पाई और लोग लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। बावजूद इसके पहले गुरदासपुर लोकसभा चुनाव और अब शाहकोट उपचुनाव जीतने के बाद कांग्रेसी बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं।   दरअसल प्रदेश की जनता फिलहाल पिछले 10 सालों में अकाली-भाजपा सरकार से मिले दर्द को भुला नहीं पा रही है। 

 

लोगों को अब भी उम्मीद है कि आने वाले साढ़े 3 साल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो शायद यह सरकार अपने वायदों को पूरा कर सके। इसलिए लोग अभी अकाली-भाजपा गठबंधन पर विश्वास करने की बजाय कांग्रेस पर ज्यादा विश्वास दिखा रहे हैं मगर डेढ़ साल तक कोई कारगुजारी न दिखाने वाली इस सरकार को लगने लगा है कि उसकी नीतियों के कारण ही जीत मिल रही है। 

 

प्रदेश के सी.एम. भी शाहकोट की जीत पर कहते हैं कि यह सरकार की नीतियों पर जनता की मोहर है, मगर जनता का साथ यह भी कहना है कि सरदार जी कहीं सरकार का यह ज्यादा उत्साह ही उसे आने वाले लोकसभा चुनावों में डुबो न दे। लोकसभा चुनाव को महज एक साल का समय बाकी रह गया है। अगर ऐसे ही सरकार की कार्यप्रणाली चलती रही और प्रदेश को विकास की कोई रफ्तार न मिली तो 2019 में कांग्रेस को मुंह की भी खानी पड़ सकती है। 

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