पंथक मुद्दों को लेकर अकाली दल की घर वापसी चर्चा में

punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2019 - 12:04 PM (IST)

जालंधर(बुलंद): सिख पंथक मुद्दों के जरिए पंजाब ही नहीं देश विदेश में पैर जमा चुके शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कुछ वर्ष पूर्व एक प्रैस कांफ्रैंस करके साफ किया था कि अब अकाली दल सिर्फ सिख पंथ तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह अब सभी धर्मों की पार्टी बनकर दिखाएगा और सबको साथ लेकर चलेगा, लेकिन जिस पंथ ने अकाली दल को इतना ऊंचा उठाया था उसी पंथ के प्रति अकाली दल का उदासीन रवैया पंथ को बर्दाश्त नहीं हुआ जिस कारण लगातार सिखों ने अकाली दल से मुंह मोडऩा शुरू कर दिया। नतीजा यह निकला कि न सिर्फ  अकाली दल को पंजाब विधानसभा में मुंह की खानी पड़ी बल्कि लोकसभा चुनावों में भी अकाली दल को लोगों ने नकार दिया। 

इसके बाद अब अकाली दल ने पंथक मुद्दों पर घर वापसी करने का मन पक्का कर लिया है। इसी बारे पार्टी के सूत्र बताते हैं कि गत दिनों शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री को एक मांगपत्र भेजा जा रहा है, जिसमें शिअद प्रधान ने जेल में फांसी की सजा के मामले में बंद बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। इसके साथ ही शिअद की ओर से कई दशकों से जेलों में बंद सिखों की रिहाई की मांग भी केंद्रीय मंत्री से की है। पार्टी जानकारों की मानें तो सुखबीर ने गृह मंत्री को भेजे मांगपत्र में उन धर्मी फौजियों के लिए मुआवजे की मांग भी की है जिन्होंने 1984 में हुए आप्रेशन ब्लू स्टार के रोष में फौज की नौकरियों से इस्तीफे दे दिए थे। इनके साथ ही जोधपुर जेल में डाले गए 365 निर्दोष सिखों में से सिर्फ40 को ही मुआवजा मिला है बाकी के मुआवजे के लिए भी सुखबीर ने केंद्र सरकार से अपील की है।

सुखबीर बादल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगों को भड़काने के आरोपी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए व उस केस को सख्ती से डील किया जाए। एक अन्य मामले में शिअद की दिल्ली इकाई के नेता व दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान मनजिंद्र सिंह सिरसा ने गृह विभाग के सचिव को भेजे एक मांगपत्र में कहा है कि सरकार दिल्ली में सिख विरोधी दंगों के पैंडिंग केसों की सुनवाई के लिए एक सिट बनाए जो पत्रकार संजय सूरी व मुखत्यार सिंह के कमल नाथ के केस में बयान रिकार्ड करे। जानकारों की मानें तो शिअद केंद्र सरकार से मांग करने जा रहा है कि दिल्ली सिख विरोधी दंगों की सुनवाई के लिए एक स्पैशल अदालत का गठन किया जाए जो रोजाना ट्रायल करे और इन पैंडिंग केसों का फैसला जल्द से जल्द करे। इसके अलावा हुजूर साहिब बोर्ड के सदस्यों द्वारा बोर्ड के प्रधान की नियुक्ति करवाए जाने की मांग भी गृह मंत्रालय से की गई है। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की ओर से केंद्रीय गृह विभाग से यह अनुमति भी मांगी गई है कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर दिल्ली से ननकाना साहिब पाकिस्तान तक एक नगर कीर्तन निकाला जा सके। अकाली राजनीति के माहिर मानते हैं कि शिअद की पंथक मुद्दों पर वापसी आने वाले चुनावों में पार्टी के लिए आक्सीजन साबित हो सकती है ओर बेअदबी जैसे मामलों में सिखों में फीका पड़ा अकाली दल का अक्स दोबारा गहरा करने के लिए आने वाले दिनों में अकाली दल पंथक मामलों में और गहरी दिलचस्पी दिखा सकता है।

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