शिरोमणी अकाली दल को बड़ा झटका, बादल के भरोसेमंद नेता ने छोड़ी पार्टी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 02, 2020 - 10:24 PM (IST)

नई दिल्ली (सुनील पांडेय): शिरोमणि अकाली दल (बादल) को आज एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं बादल परिवार के भरोसेमंद सरदार हरमंजीत सिंह ने आज पार्टी छोड़ दी। करीब 45 साल से अधिक समय से पार्टी के साथ जुड़े रहे हर मनजीत सिंह ने अपना इस्तीफा अकाली दल के सरपरस्त एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भेजा है। हरमंजीत सिंह अकाली दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वर्तमान में सदस्य भी हैं साथ ही वह दो बार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर में नामित सदस्य भी रह चुके हैं। 2013 में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी में अकाली दल की सत्ता आने के बाद वह वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी बनाए गए थे लेकिन अपने पद से आहत होकर उन्होंने उन्होंने चार्ज संभाला ही नहीं था। 

प्रकाश सिंह बादल को भेजे इस्तीफे में सरदार हरमनजीत सिंह ने दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष  एवं दिल्ली प्रदेश अकाली दल के अध्यक्ष पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं। पत्र में उन्होंने कहा है कि आपने वर्तमान में जिनको गुरुद्वारा कमेटी व प्रदेश के जिम्मेदारी सौंपी है वह अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज करके निजी राजनीति चमका रहे हैं। साथ ही सिख इतिहास और धर्म से अनजान होने का सबूत देते हुए सिख कौम का मजाक उड़ा रहे हैं। इसके कारण दिल्ली के लाखों सिखों की स्थिति हास्यास्पद बन गई है। हालत यह हो गई है कि दिल्ली में आम लोगों के तीखे शब्दों का सामना करना मुश्किल हो रहा है यह बहुत ही दुखदाई और ना बर्दाश्त योग्य है। 

उधर सूत्रों की मानें तो हरमंजीत सिंह के इस्तीफे के बाद अकाली दल की  दिल्ली इकाई में  खलबली मच गई है। लिहाजा उन्हें मनाने की कोशिशें भी तेज हो गई। सूत्रों की मानें तो देर शाम अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका दो नेताओं के साथ उनके आवास पर गए और मनाने की कोशिश की। गौरतलब है कि पिछले 2 साल से  पंजाब से लेकर दिल्ली तक कई नेताओं ने अपना रास्ता बदल दिया और पार्टी छोड़ दी। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज सभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा उनके विधायक पुत्र सहित कई नेताओं ने अकाली दल छोड़ अलग-अलग संगठनों के नीचे चिक्की को बचाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं।

सूत्रों की मानें तो दिल्ली में कई और अकाली दल के नेता पार्टी छोड़ने का मन बना रहे हैं। इस्तीफा देने की पुष्टि हरमंजीत सिंह ने भी कर दी है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह अपने फैसले पर अडिग हैं और जो उनके दिल में आया वह बात उन्होंने हाईकमान को लिख दी है। उन्होंने 1968 में अकाली दल को ज्वाइन किया था।


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Mohit

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