श्री ननकाना साहिब पर हमले से भड़के शिवसैनिकों ने किया नवजोत सिद्धू की कोठी का घेराव

punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2020 - 10:13 AM (IST)

पटियाला(राजेश): पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर हमला करने से भड़के शिवसैनिकों ने पटियाला की यादविंद्रा कालोनी में स्थित पूर्व मंत्री व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मित्र नवजोत सिंह सिद्धू की कोठी का घेराव कर जबरदस्त प्रदर्शन किया। 

शिव सेना बाल ठाकरे के पंजाब कार्यकारी प्रधान हरीश सिंगला के नेतृत्व में शिव सैनिक आर्य समाज चौक से नारेबाजी करते हुए यादविंद्रा कालोनी पहुंची जहां पुलिस ने उन्हें कोठी से कुछ दूरी पर रोक लिया। यहां उन्होंने इमरान खान व नवजोत सिद्धू का पुतला फूंक कर रोष जताया। हरीश सिंगला ने कहा कि पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर जो हमला मुसलमानों ने किया है वह घिनौनी और कायरतापूर्ण हरकत है। 

इतिहास को कभी भी झुठलाया नहीं जा सकता कि सिखों के सभी गुरुओं ने हमेशा ही मुगलों के खिलाफ  लड़ाइयां लड़ीं। लेकिन हमारे पंजाब के नेता नवजोत सिद्धू का दिमाग एक मंदबुद्धि बच्चे जैसा है, जिसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जरूरत से ज्यादा दोस्ती निभाने के लिए अपना और देश का सब कुछ दाव पर लगा दिया। शिवसेना बाल ठाकरे किसी भी धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। उन्होंने सिद्धू से पूछा, कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर से उजड़कर आए सिख और हिंदुओं को बसाने के लिए क्या किया? 

पाकिस्तान में हिन्दुओं और सिखों को बराबर किया जाता है प्रताडि़त

सिंगला ने कहा कि श्री ननकाना साहिब पर हमला एक संयोजित साजिश है। पाकिस्तान में हिन्दुओं और सिखों को बराबर प्रताडि़त किया जाता है। उन्होंने नवजोत सिद्धू को चेतावनी दी कि सिद्धू ननकाना साहिब हमले पर अपनी चुप्पी तोड़े। जगजीत कौर का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने वाले दोषियों को तुरन्त गिरफ्तार करवाएं। पाकिस्तान में मुसलमानों द्वारा जो मंदिरों व गुरुद्वारों पर कब्जे किए गए हैं वे तुरन्त वापस दिलाए जाएं। अगर ऐसा न हुआ तो शिवसेना बाल ठाकरे पूरे पंजाब में सिद्धू और इमरान खान के पुतले जलाकर जबरदस्त विरोध करेगी। 

सिद्धू अपने देश के प्रति ईमानदार नहीं : महेशइंद्र ग्रेवाल

पूर्व मंत्री महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने पाकिस्तान में सिखों तथा ननकाना साहिब पर हुए हमले बारे कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिद्धू सिर्फ पाकिस्तानी सेना तथा आई.एस.आई. के लिए अपने प्यार का स्पष्टीकरण देने में ही नाकाम नहीं हुए हैं, बल्कि उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि वह अपने देश तथा सिखों के प्रति जरा-सा भी ईमानदार नहीं हैं। 

उन्होंने कहा कि सिद्धू अपना जमीर पाकिस्तानी सेना के पास बेच चुके हैं तथा आई.एस.आई. द्वारा अपनी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए उसे इस्तेमाल किया जा रहा है। यही कारण है कि वह पाकिस्तान में रहते अपने सिख भाईचारे तथा उनकी परेशानियों की ओर से पीठ घुमा ली है। सिद्धू को अपने दोस्त जनरल कमर जावेद बाजवा से अपने घनिष्ठ संबंधों का इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करवानी चाहिए, जिन्होंने गुरुद्वारा जन्म स्थान पर पत्थरबाजी की है तथा जो एक नाबालिग सिख लड़की के जबरदस्ती धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार थे।  उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह करते हैं कि वह पाकिस्तान को कड़ा संदेश भेजें कि ऐसा घिनौना कृत्य किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

आरोपियों को मिले सख्त सजा : दादूवाल

श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो के संत बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि गुरुद्वारा ननकाना साहिब में हुई घटना बेहद ङ्क्षनदनीय है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री   इमरान खान जिन्होंने करतारपुर 
कॉरिडोर का रास्ता खोलने की पहलकदमी की, उन्हें चाहिए कि ननकाना साहिब की घटना के आरोपियों को सख्त सजा दें ताकि इस तरह की शर्मनाक घटना करने की कोई असामाजिक तत्व हिमाकत न कर सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को वहां के अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। 
भारत के प्रधानमंत्री को भी इस मामले में सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर बातचीत करनी चाहिए।

मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाएं मामला : ब्रि. काहलों

ऑल इंडिया डिफैंस ब्रदरहुड पंजाब सरहिंद फौजी भाईचारा पंजाब के प्रधान ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों ने गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर की गई पत्थरबाजी की घोर ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि इससे पहले भी पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथी इस्लामी करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने के समय विरोध कर चुके हैं। ब्रिगेडियर काहलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि इस समूचे मामले को गंभीरता के साथ विचारते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाया जाए।

ब्रिगेडियर काहलों ने सवाल किया कि पाकिस्तान के विदेश विभाग की ओर से यह कहना कि यह मामूली घटना मुस्लिम भाईचारे के 2 ग्रुपों दरमियान कशमकश का नतीजा थी, निराधार है। यदि ऐसा होता तो गुरुद्वारे पर पत्थरबाजी रोकने के लिए 4 घंटे क्यों लगे? पत्थरबाजी और बेअदबी की पुष्टि वहां के कुछ बुद्धिजीवियों और धार्मिक नेताओं समेत सूबे की असैंबली के मैंबर महेंद्रपाल सिंह ने मौके पर पहुंच कर की।ब्रिगेडियर काहलों ने कहा कि पाकिस्तान में एक सिख नौजवान की हत्या से यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक भाईचारे के लोग सुरक्षित नहीं हैं और वहां मानवीय अधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है।

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