श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का 352वां प्रकाशोत्सवःश्रद्धा का भर रहा ‘सागर’

punjabkesari.in Saturday, Jan 12, 2019 - 10:19 AM (IST)

पटनाः पटना शहर के गंगा किनारे कंगनघाट से एक किलोमीटर में फैले टैंट सिटी का नजारा देखने योग्य था। सेवा में समर्पित बिहार वासियों ने 24 घंटे अपने आपको टैंट सिटी में उपस्थित रखा है। 30 एकड़ में फैली टैंट सिटी ने श्रद्धालुओं को सुविधाएं एवं सुरक्षा प्रदान की है। बिहार पर्यटन मंत्रालय के प्रेम कुमार का कहना है कि टैंट सिटी में श्रद्धालुओं की सेवा में हर विभाग 24 घंटे तैनात है। टैंट सिटी के मुख्य द्वार पर रजिस्ट्रेशन पंडाल है जहां संगत का आधार कार्ड देखकर नाम दर्ज किया जाता है। इसके उपरांत फोटो और पहचान पत्र जारी करके टैंट दिया जाता है। 11 जनवरी तक 2,685 श्रद्धालु इस टैंट सिटी में पहुंच गए हैं और प्रेम कुमार के मुताबिक 5,000 की क्षमता वाली टैंट सिटी कल पूरी तरह भर जाएगी। रजिस्ट्रेशन के लिए 6 काऊंटर बनाए गए हैं। 

टैंट में मिलेगी हर सुविधा 
टैंट सिटी के 231 टैंटों को 3 भागों में बांटा गया है। इनमें से कुछ टैंटों में 17, कुछ में 40 और कुछ स्पैशल टैंटों में 2 व्यक्तियों के रहने का प्रबंध है। टैंट के अंदर बिजली, चारपाई, बिस्तरे आदि का प्रबंध है। फायर विभाग की 150 कर्मचारियों की टीम अपनी 10 गाडियों के साथ टैंट सिटी में मौजूद है। पीने के लिए आर.ओ. पानी का प्रबंध तथा लंगर का इंतजाम 2 बड़े पंडालों में है। इसके अलावा संगत हेतु 250 शौचालयों का प्रबंध तथा इतने ही नहाने के लिए बाथरूम तैयार हैं। टैंट सिटी में संगत की सहूलियत के लिए 12 हैल्प डैस्क का प्रबंध है। सुरक्षा के लिए टैंट सिटी में 450 पुलिस कर्मी तैनात हैं। 

मस्जिद व गुरुद्वारे की सांझी दीवार का रूहानी रिश्ता
तख्त पटना साहिब से रूहानी कीर्तन तथा साथ लगती सांझी दीवार की मस्जिद से आजान की आवाज का रिश्ता धर्मों की दोस्ती का है। इतिहास अनुसार जब 1666 में श्री गुरु नानक देव जी पटना में अवतरित हुए तो घड़ाम से पीर भीखन शाह गुरु साहिब को मिलने गए। मस्जिद में बैठे इसमाइल साहिब बताते हैं कि जब पीर भीखन शाह मिलने आए तो वो यहां पीर खजावर शाह के पास ठहरे थे। तख्त पटना साहिब के साथ पीर खजावर शाह की दरगाह है और उसके समीप ही उनके नाम की मस्जिद है। सदियों पहले की सांझी दीवार का रूहानी रिश्ता आज भी बरकरार है। 

अमृतसर के 5 सरोवरों का जल लेकर पहुंचा जत्था

तख्त श्री पटना साहिब में बाबा निर्मल सिंह  रंधावा संगत के साथ अमृतसर से 5 सरोवरों का जल लेकर पहुंचे हैं। बाबा निर्मल सिंह के मुताबिक वह अमृतसर से हरिमंदिर, कौलसर, बिबेकसर, संतोखसर, रामसर के सरोवरों का जल लेकर पिछले 5 सालों से लगातार श्री  हजूर साहिब पहुंचते थे पर संगत के कहने पर वह पिछले 4 सालों  से पटना साहिब में भी आ रहे हैं। गागर की मर्यादा के बारे में बाबा  निर्मल सिंह ने बताया कि जल से गुरुपर्व वाले दिन तख्त श्री पटना  साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश से पहले थड़ा साहिब को स्नान कराया जाएगा।  बाबा निर्मल सिंह रंधावा श्री हरिमंदिर साहिब के पहले ग्रंथी बाबा बुड्ढा जी के 10वें वंशज हैं। उनके मुताबिक पटना साहिब में माता गुजरी जी के कुएं की भी 2 चांदी की गागरें हैं। इन गागरों की सेवा भी उन्हीं के द्वारा निभाई जाती है।  (प्रस्तुति : रमनदीप सिंह सोढी, हरप्रीत सिंह काहलों)

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुद्वारा साहिब का रखा नींव पत्थर
बिहार के गुरुद्वारा नानक शीतल कुंड की विशाल इमारत बनेगी। इस गुरुद्वारा साहिब की इमारत का आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से नींव पत्थर रखा गया है। इस मौके पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद करते हुए कहा कि इसके साथ सिखों के मन में उनका आदर-सम्मान और बढ़ गया है। इससे पंजाब और बिहार के लोगों का आपसी प्यार बढ़ेगा। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला प्रकाश पर्व के शताब्दी समागमों में शामिल होने का न्यौता भी दिया है। भाई लौंगोवाल ने बताया कि इस गुरुद्वारा साहिब की सुंदर इमारत की कारसेवा बाबा महेन्द्र सिंह जी यू.के. वालों की तरफ से की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के चरण स्पर्श से पवित्र हुए इस शीतल कुंड के स्थान पर खूबसूरत इमारत का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के 350 साला प्रकाश पर्व पर बनी टैंट सिटी की जगह पक्का कनवैन्शन बनाया जाएगा, जिसका प्रबंध तख्त श्री पटना साहिब के पास रहेगा। इस मौके पर तख्तश्री पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी इकबाल सिंह ने अरदास की। 

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