मंडी गोबिंदगढ़ की ढलाई भट्ठियों से अब नहीं निकलेगा जहरीला धुआं

punjabkesari.in Thursday, Jun 28, 2018 - 08:58 AM (IST)

चंडीगढ़(ब्यूरो): औद्योगिक शहर मंडी गोबिंदगढ़ की ढलाई भट्ठियों पर वायु प्रदूषण का दोषी होने के आरोपों को खत्म करने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) ने कमर कस ली है। बोर्ड ने अब शहर की आबो-हवा को साफ-सुथरा करने के लिए मिशन ‘तंदुरुस्त पंजाब’ के तहत बड़ा कदम उठाया है। 

बोर्ड ने शहर में बिजली से चलने वाली ढलाई भट्ठियों के प्रबंधकों को अब प्रदूषण रोकने के लिए कहा है। इन भट्ठियों में लोहा पिघलाने दौरान पहले धुआं प्रदूषण फैलता था। अब धुएं को कैनोपी (छतरीनुमा यंत्र) लगाकर कंट्रोल किया जाता है जिसके बाद धुआं कंट्रोल करने वाले उपकरणों (एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइसिज) से गुजारा जाता है। ये उपकरण धुएं को छोडऩे से पहले फिल्टर कर देते हैं। इसके बाद ही धुएं को छोड़ा जाता है, जिसमें जहरीले कण न के बराबर होते हैं।

फतेहगढ़ साहिब के वातावरण इंजीनियर राकेश नैयर ने बताया कि ढलाई भट्ठियों के मकान मालिकों को यंत्र लाने के लिए समय दिया गया था। अब दोबारा निगरानी की जा रही है। भट्ठी प्रबंधकों ने यंत्र नहीं लगवाए हैं, उनके खिलाफ सख्ती करके यंत्र लगवाए जाएंगे जिससे पंजाब के वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके।  पी.पी.सी.बी. चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने बताया कि बोर्ड द्वारा मंडी गोबिंदगढ़ की ढलाई भट्ठियों के प्रबंधकों को नई प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिससे प्रदूषण को बड़े स्तर पर नकेल डली है। इसके अलावा बोर्ड ने शहर की आबो-हवा में से प्रदूषण कण घटाने के लिए और भी कई कदम उठाए हैं। बोर्ड द्वारा हवा की गुणवत्ता पर निरंतर नजर रखी जा रही है और नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों की भी बाकायदा जांच की जा रही है। जो उद्योग प्रदूषण फैलाते या नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाती है।

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