‘नया’ पाकिस्तान ‘पुराना’ रवैया :  श्वेत मलिक

punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2019 - 08:24 AM (IST)

जालंधर(विशेष): पंजाब भाजपा के अध्यक्ष एवं रा’यसभा सदस्य श्वेत मलिक ने एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान ने एक बार फिर झूठे वायदे, बड़ी-बड़ी बातें करने और जमीन पर कुछ भी नहीं करने की अपनी पुरानी फितरत का परिचय दिया है। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को दिए गए आश्वासनों के बावजूद तथाकथित ‘नया पाकिस्तान’ अपनी जमीन पर आतंकी ढांचे और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है। 

इसी प्रकार करतारपुर साहिब कॉरीडोर के मामले में भी पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आया है। पाकिस्तान की सरकार तथा पाक मीडिया द्वारा श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर का खूब प्रचार किया गया लेकिन 14 मार्च को गुरदासपुर जिले के अटारी में हुई पहली बैठक में उसके प्रस्ताव से यह ‘ऊंची दुकान फीका पकवान’ वाला मामला साबित हो रहा है। पाकिस्तान के अधिकारियों और पी.एम. इमरान खान की ओर से की गई घोषणाओं तथा अब उनकी ओर से की गई पेशकश में काफी अंतर है। भारत और पाकिस्तान के शिष्टमंडल की पहली बैठक अटारी स्थित बी.एस.एफ. की ’वाइंट चैकपोस्ट पर 14 मार्च को प्रात: 10.30 बजे हुई जिसका उद्देश्य श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर तक भारतीय श्रद्धालुओं की पहुंच को सुलभ बनाने के लिए दोनों देशों के बीच ड्राफ्ट एग्रीमैंट को अंतिम रूप देना था। 

भारत ने जहां एक शानदार यात्री टर्मिनल भवन को मंजूरी दी है जिसमें सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ प्रतिदिन 5000 और विशेष अवसरों पर 15000 तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था होगी। वहीं पाकिस्तान ने यह सीमा केवल 500 यात्री प्रतिदिन रखी है। इसके अलावा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, पाकिस्तान के लिए वीजा फ्री यात्रा का भरोसा दिलाने के बाद अब पाकिस्तान का कहना है कि इस यात्रा के लिए विशेष परमिट की जरूरत होगी। पहले इस मामले में प्रचार करके वाहवाही लूटने के बाद अब पाकिस्तान ने प्रस्तावित कॉरीडोर सुविधा पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिनमें 500 यात्री प्रतिदिन के अलावा केवल सिख यात्रियों के लिए सुविधा, श्रद्धालुओं को पैदल यात्रा की अनुमति न देना, कम से कम 15 लोगों के समूह के रूप में यात्रा तथा विशेष परमिट जारी करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज किया है कि श्री गुरु नानक देव जी को मानने वाले पूरे भारतीय महाद्वीप में रहते हैं। इसके अलावा इस जानकारी ने भी भारत को आहत किया है कि पाकिस्तान ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की जमीनों के अतिक्रमण की खुली छूट दे रखी है, जो गुरुद्वारा साहिब को महाराजा रणजीत सिंह द्वारा दान की गई थी।

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