श्वेत मलिक ने किसान आत्महत्याओं के लिए कैप्टन को ठहराया जिम्मेदार

punjabkesari.in Friday, May 18, 2018 - 12:17 PM (IST)

अमृतसर (महेन्द्र): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा नशों के खिलाफ दूसरे चरण की शुरूआत करने संबंधी वीरवार को तरनतारन में की गई रैली पर कटाक्ष करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद श्वेत मलिक ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर जोरदार राजनीतिक प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने हाथ में धार्मिक गुटका साहिब पकड़ कर पंजाब में 4 सप्ताह में नशा समाप्त करने की शपथ लेने के साथ साथ बड़े-बड़े चुनावी वायदे किए थे, लेकिन वे अपने करीब सवा वर्ष के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में न तो नशे को समाप्त कर पाए हैं और ही न अपना कोई चुनावी वायदा।

उल्टा पंजाब में नशा तस्करी 4 गुणा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा कांग्रेस पार्टी को इसके लिए पंजाब की जनता को इसका पूरा जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव घोषणा पत्र एक आध्यात्मिक दस्तावेज है। इसलिए कांग्रेस ने पंजाब में सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए ही प्रदेश की जनता के साथ झूठे चुनावी वायदे करके न सिर्फ लोगों को गुमराह ही किया है, बल्कि पंजाब के सभी लोगों से बड़ा धोखा भी किया है। ऐसा करके कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सहित कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं ने आध्यात्मिक दस्तावेज रूपी चुनावी घोषणा पत्र का एक तरह से निरादर ही किया है। उन्होंने कहा कि विगत विधानसभा चुनावों में लोगों ने कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से 77 सीटों पर जीत दिलाई थी, लेकिन यह सरकार अपने मात्र सवा वर्ष के कार्यकाल में ही पूरी तरह से फ्लाप साबित हो चुकी है।

मलिक ने कहा कि एक तरफ पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी अपने करीब सवा वर्ष के कार्यकाल के दौरान अपना एक भी चुनावी वायदा पूरा नहीं कर पाई है, वहीं केन्द्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हमेशा ही समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट का आश्वासन दिया है, जिसके फलस्वरूप भाजपा देशवासियों का लगातार विश्वास जीत रही है। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी देश में अब सिर्फ 2.4 फीसदी हिस्से में सत्ता में है, जबकि भाजपा 68.7 फीसदी हिस्से में। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र कानूनी तौर पर बाध्य होना चाहिए ताकि पंजाब में कांग्रेस जैसी पार्टियां जो निर्दोष मतदाताओं के विश्वास का दुरुपयोग करती है, उन्हें दंडित भी किया जा सके।

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