किसान देश के अन्नदाता हैं, उनकी जीवन शैली में सुधार लाना बहुत जरूरी : मलिक

punjabkesari.in Thursday, May 24, 2018 - 09:11 AM (IST)

अमृतसर महेन्द्र): पंजाब में किसानों से कर्ज वसूली को लेकर उन पर हो रहे अत्याचार को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्वेत मलिक ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में पंजाब में किसानों द्वारा खुदकुशी करने के मामलों में 118 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जोकि बहुत ही ङ्क्षचता का विषय है। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है और उनकी जीवन शैली में सुधार लाना बहुत ही जरूरी है जिसके लिए उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि आंध्र प्रदेश सरकार की तरह किसानों के हित में अध्यादेश (आर्डीनैंस) जारी किया जाए।


मलिक ने कहा कि देश के अन्नदाता होने के कारण देशवासी किसानों पर गर्व करतें है लेकिन आज यही अन्नदाता कर्ज में डूबने की वजह से परेशान चल रहे हैं और खुदकुशी करने पर विवश हो रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से अपील की कि किसानी कर्ज को लेकर किसानों को पुलिस थानों में बुलाने के लिए सम्मन न भेजे जाएं।

 

किसानों को चुकाना पड़ता है 30 प्रतिशत तक ब्याज
मलिक ने कहा कि पंजाब के किसानों को फसल पर होने वाले खर्च का न्यूनतम मूल्य नहीं मिल पाता है जिसके कारण उन्हें बैंकों से कर्ज लेना पड़ता है। जब वे कर्ज नहीं लौटा पाते तो पुलिस व रिकवरी एजैंट उन्हें जलील करते हैं। ऐसे में किसान माइक्रो फाइनांस इंस्टिच्यूशंस एवं सैल्फ हैल्प ग्रुप्स जैसी कंपनियों के पास जाने के लिए विवश हो जाते हैं। वहां से लिया जाने वाला कर्ज उन्हें बहुत मंहगा पड़ता है। क्योंकि उन्हें 30 प्रतिशत ब्याज तक का भुगतान करना पड़ता है जोकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के बिल्कुल विपरीत है।

 

आंध्र प्रदेश में किसानों के जीवन में आया काफी सुधार
मलिक ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार 2010 में किसानों के हित में जारी किए एक ऑर्डीनैंस (अध्यादेश) से किसानों के जीवन में काफी सुधार आया है।

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